मेरे प्यारे भाइयो-बहनों, मन की बात हो और स्वच्छता की बात न आये ऐसा कैसे हो सकता है I मुझे मुंबई से सविता राय ने एक टेलीफ़ोन के द्वारा सन्देश भेजा है “दिवाली की तैयारी के लिए हर साल हम अपने घरों को साफ़ करते हैं | इस दिवाली को हम अपने घरों के साथ-साथ अपने बाहर के वातावरण को भी स्वच्छ बनायें और उसे दिवाली के बाद भी स्वच्छ बनाये रखें |” उन्होंने सही बात पर ध्यान आकर्षित किया है | मैं आपको याद कराना चाहता हूँ मेरे प्यारे देशवासियो, गत वर्ष दिवाली के त्योहार के बाद हमारे देश के विशेष करके मीडिया ने एक बड़ी मुहिम चलायी और दिवाली के बाद जहाँ-जहाँ पटाखे पड़े थे वो सारी चीजें दिखाईं और उन्होंने कहा कि ये ठीक नहीं है I एक जागृति का अभियान चला लिया था सभी मीडिया वालों ने | और उसका परिणाम ये आया कि दिवाली के तुरंत बाद एक सफ़ाई का अभियान चल पड़ा था, अपने आप चल पड़ा था I तो आपकी बात सही है कि हम त्योहार के पहले जितनी चिंता करते हैं त्योहार के बाद भी करनी चाहिये I हर सार्वजनिक कार्यक्रम में करनी चाहिए I और मैं आज विशेष रूप से हिन्दुस्तान के सारे मीडिया जगत को अभिनन्दन करना चाहता हूँ I गत 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी जी की जन्म-जयंती पर और स्वच्छ-भारत अभियान के एक साल पर मुझे इंडिया टुडे ग्रुप द्वारा ‘सफ़ाईगिरी सम्मलेन’ में शरीक़ होने का सौभाग्य मिला I उन्होंने क्लीन इंडिया अवार्ड्स दिए और मैं भी देख रहा था कितने प्रकार की गतिविधि चल रही है I कैसे-कैसे लोग इसके लिए अपने आप को ‘वन लाइक वन मिशन’ की तरह काम कर रहे हैं I हमारे देश में कैसे-कैसे स्थान हैं जो इतना स्वच्छ रखे गये हैं I ये सारी बातें उजागर हुईं और मैंने उस समय इंडिया टी.वी. ग्रुप के उस सराहनीय काम को ह्रदय से बधाई दी थी I वैसे जब से स्वच्छता अभियान का मिशन चला है मैंने देखा है कि आंध्र, तेलंगाना से ई-टी.वी., ई-नाडू और ख़ास करके श्रीमान रामुजी राव उनकी आयु तो बहुत है लेकिन उनका जो उत्साह है वो किसी नौजवान से भी कम नहीं है I और उन्होंने स्वच्छता को अपना एक पर्सनल प्रोग्राम बना दिया है, मिशन बना दिया है I ई-टी.वी. के माध्यम से लगातार पिछले एक साल से उस स्वच्छता के काम को प्रमोट कर रहे हैं, उनके अखबारों में उसकी ख़बरें रहती हैं और सकारात्मक ख़बरों पर ही वो बल दे रहे हैं स्वच्छता के संबंध में I और उन्होंने क़रीब-क़रीब 55-56 हज़ार स्कूलों के लगभग 51 लाख बच्चों को आंध्र और तेलंगाना के अन्दर इस काम में जोड़ा I सार्वजनिक स्थल हो, स्टेशन हो, धार्मिक स्थान हो, हॉस्पिटल हो, पार्क हो, कई जगह पर स्वच्छता का बड़ा अभियान चलाया I अब ये ख़बरें अपने आप में स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने की ताकत के दर्शन देती है I ए.बी.पी. न्यूज़ ने ‘ये भारत देश है मेरा’ नाम से प्रोग्राम शुरू किया और उन्होंने लोगों में सफ़ाई के प्रति कैसी जागरूकता आई है इसको हाईलाइट कर के देशवासियों को प्रशिक्षित करने का काम किया I एन.डी.टी.वी. ने ‘बनेगा स्वच्छ इंडिया’ नाम से मुहिम चलायी I दैनिक जागरण, उन्होंने भी लगातार इस अभियान को आगे बढ़ाया है I ज़ी परिवार ने इंडिया टी.वी. का ‘मिशन क्लीन इंडिया’ I हमारे देश के सैकड़ों चैनल हैं, हजारों अख़बार हैं I हर एक ने, मैं सब के नाम नहीं ले पा रहा हूँ समय के अभाव से, लेकिन इस अभियान को चलाया है I और इसलिए सविता राय जी आपने जो सुझाव दिया है आज पूरा देश इस काम को अपना मान रहा है और उसे आगे बढ़ा रहा है I मेघालय से, वहाँ के हमारे राज्यपाल श्रीमान शंमुगनाथन, उन्होंने मुझे एक चिट्टी लिखी है और चिट्टी लिख कर के मुझे मेघालय के मावल्यन्न्नोंग गाँव का ज़िक्र किया है I उन्होंने लिखा है कि पिछले कई वर्षों से इस गाँव ने स्वच्छता का एक बीड़ा उठा करके रखा हुआ है I और क़रीब-क़रीब हर पीढ़ी इस स्वच्छता के विषय में पूरी तरह समर्पित है I और कहते हैं कि आज से कुछ वर्ष पहले उनको एशिया के ‘क्लीनेस्ट विलेज’ के रूप में अवार्ड मिला था I ये सुन करके मुझे ख़ुशी हुई कि हमारे देश में दूर-सुदूर नॉर्थ-ईस्ट में, मेघालय में भी कोई गाँव है जो सफ़ाई के क्षेत्र में कई वर्षों से लगा हुआ है I वहाँ के नागरिकों का ये स्वाभाव बन गया है, गाँव का ये संस्कार बन गया है I यही तो है, हम सब को विश्वास पैदा करता है कि हमारा देश ज़रूर स्वच्छ होगा I देशवासियों के प्रयत्नों से होगा और 2019 में जब हम महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती मनाएँगे तब हम सीना तान करके गौरव से सवा सौ करोड़ देशवासी कह पाएँगे, देखिये हमने हमारी भारत माता को गंदगी से मुक्त कर दिया I
मेरे प्यारे देशवासियो, मैंने 15 अगस्त को लाल किले से ये कहा था कि कुछ बातें हैं जहाँ भ्रष्टाचार घर कर गया है I ग़रीब व्यक्ति जब छोटी-छोटी नौकरी के लिए जाता है, किसी की सिफ़ारिश के लिए पता नहीं क्या-क्या उसको कष्ट झेलने पड़ते हैं और दलालों की टोली कैसे-कैसे उनसे रूपये हड़प लेती है I नौकरी मिले तो भी रुपये जाते हैं, नौकरी न मिले तो भी रुपये जाते हैं I सारी ख़बरें हम सुनते थे I और उसी में से मेरे मन में एक विचार आया था कि छोटी-छोटी नौकरियों के लिए इंटरव्यू की क्या ज़रूरत है I मैंने तो कभी सुना नहीं है कि दुनिया में कोई ऐसा मनोवैज्ञानिक है जो एक मिनट, दो मिनट के इंटरव्यू में किसी व्यक्ति को पूरी तरह जाँच लेता है I और इसी विचार से मैंने घोषणा की थी कि क्यों न हम ये छोटी पायरी की नौकरियाँ है, वहाँ पर, इंटरव्यू की परम्परा ख़त्म करें I
मेरे प्यारे युवा मित्रो, मैं आज गर्व से कहना चाहता हूँ कि सरकार ने सारी प्रक्रिया पूर्ण कर ली और केंद्र सरकार के ग्रुप ‘डी’, ग्रुप ‘सी’ और ग्रुप ‘बी’ के नॉन-गेज़ेटेड पदों में अब भर्ती के लिए साक्षात्कार नहीं होगा, इंटरव्यू नहीं होगा I 1 जनवरी, 2016 ये लागू हो जायेगा I अभी जहाँ प्रक्रिया चल रही है उसमें कोई रुकावट हम नहीं करेंगे, लेकिन, 1 जनवरी, 2016 से ये लागू हो जायेगा I तो सभी युवा मित्रों को मेरी शुभकामना है I
वैसे ही, पिछले बज़ट में हमने एक महत्वपूर्ण योजना घोषित की थी | हमारे देश में सोना एक प्रकार से सामाजिक जीवन का हिस्सा बन गया है | गोल्ड आर्थिक सुरक्षा का माध्यम माना गया है | संकट समय की चाबी गोल्ड माना गया है | अब ये समाज-जीवन में सदियों से आ रही परंपरा है | सोने का प्यार, मैं नहीं मानता हूँ उसको कोई कम कर सकता है | लेकिन, सोने को डेड-मनी के रूप में पड़े रखना ये तो आज के युग में शोभा नहीं देता है I सोना शक्ति बन सकता है I सोना आर्थिक शक्ति बन सकता है I सोना देश की आर्थिक संपत्ति बन सकता है I और हर भारतवासी को इसमें योगदान देना चाहिए | आज मुझे खुशी है कि बजट में जो हमने वायदा किया था, इस दीवाली के त्योहार में और जबकि धनतेरस और लोग उस दिन खासरूप से सोना खरीदते हैं, तो, उसके पूर्व ही हम महत्वपूर्ण योजनाओं को लॉन्च करने जा रहे हैं I ‘गोल्ड मोनिटाईजेशन स्कीम’ हम लाए हैं I इसके अंतर्गत आप अपना गोल्ड बैंक में जमा कर सकते हैं और बैंक उस पर आपको ब्याज देगी जैसे कि आप अपने पैसे जमा करें और ब्याज मिलता है I पहले गोल्ड लॉकर में रखते थे और लॉकर का किराया हमें देना पड़ता था I अब गोल्ड बैंक में रखेंगे और पैसा बैंक आपको ब्याज के रूप में देगा I कहिये देशवासियो अब सोना संपत्ति बन सकता है कि नहीं बन सकता है ? सोना डेड-मनी से एक जीवंत ताकत के रूप में परिवर्तित हो सकता है कि नहीं हो सकता है ? बस... यही तो काम हमें करना है आप मेरा साथ दीजिये I अब घर में गोल्ड मत रखिए I उसकी सुरक्षा और उसका ब्याज दो-दो फायदे I ज़रूर लाभ उठाइये I दूसरी एक बात है सोवरीन गोल्ड बांड में आप के हाथ में सोने की लगड़ी तो नहीं आती है I एक कागज़ आता है, लेकिन उस कागज़ का मूल्य उतना ही है, जितना कि सोने का है I और जिस दिन वो आप काग़ज वापस करोगे, वापिस करने के दिन सोने का जितना मूल्य होगा, उतना ही पैसा आपको वापिस दिया जायेगा I यानि मान लीजिये आज आपने 1000 रूपये के सोने के दाम के हिसाब से ये स्वर्णिम बांड लिया और पांच साल के बाद आप बांड वापिस करने गए और उस समय सोने का दाम ढाई हज़ार रूपये है I तो उस काग़ज के बदले में आपको ढाई हज़ार रूपये मिलेंगे I तो ये इसका हम प्रारंभ कर रहे हैं I इसके कारण अब हमें सोना खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी I सोना संभालने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी I सोना कहाँ रखें उसकी चिंता हट जाएगी, और काग़ज को तो चोरी करने कोई आएगा भी नहीं I तो मैं सुरक्षा की गारंटी वाली ये स्कीम आने वाले हफ़्ते में ज़रूर देशवासियों के सामने रखूँगा I मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम ‘गोल्ड क्वाईन’ भी ला रहे हैं I अशोक चक्र वाला गोल्ड क्वाईन I आज़ादी को करीब-करीब 70 साल हुए, लेकिन अब तक हम फॉरन गोल्ड क्वाईन का ही उपयोग करते रहे हैं या गोल्ड बुलियन बार्स ये भी विदेशी उपयोग करते रहे हैं I हमारे देश का स्वदेशी मार्का क्यों नहीं होना चाहिए और इसीलिए आने वाले वाले हफ्ते में और धनतेरस के पूर्व जो धनतेरस से सामान्य नागरिकों को उपलब्ध हो जाएगा I पांच ग्राम और दस ग्राम का अशोक चक्र वाला भारतीय सोने का सिक्का शुरू किया जा रहा है I इसके साथ ही बीस ग्राम का गोल्ड गुनियन भी लोगों के लिए उपलब्ध होगा I मुझे विश्वास है कि नई स्कीम एक आर्थिक विकास की दिशा में नया परिवर्तन लाएगी और मुझे आपका सहयोग मिलेगा I
मेरे प्यारे देशवासियो 31 अक्टूबर को लौह-पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म-जयंती है I “एक भारत श्रेष्ठ भारत” | सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करते ही पूरा भारत का मानचित्र सामने आता है I भारत की एकता के लिए इस महापुरुष ने बहुत बड़ा योगदान किया है I लौह-पुरुष के रूप में अपने सामर्थ्य का परिचय दिलाया है I सरदार साहब को तो हम श्रद्धांजलि देंगे ही देंगे, लेकिन भारत को एक करने का उनका जो सपना था I भौगोलिक रूप से उन्होंने कर के दिखाया, लेकिन एकता का मंत्र ये निरंतर हमारे चिंतन का, व्यवहार का, अभिव्यक्ति का, माध्यम होना चाहिए I भारत विविधताओं से भरा हुआ है I अनेक पंथ, अनेक संप्रदाय, अनेक बोली, अनेक जाति, अनेक परिवेश, कितनी विविधताओं से भरा हुआ अपना भारत देश और ये विविधता ही तो है, जिसके कारण हमारी शोभा है I ये विविधता न होती तो शायद जिस शोभा के लिए हम गर्व करते हैं वो नहीं कर पाते | और इसलिये, विविधता ही एकता का मंत्र है I शान्ति, सद्भावना, एकता यही तो विकास की जड़ी-बूटी हैं I पिछले कई वर्षों से 31 अक्टूबर को देश के कई कोने में ‘रन-फॉर-यूनिटी’ के कार्यक्रम होते हैं I “एकता की दौड़” | मुझे भी पहले उसमें शरीक होने का सौभाग्य मिला है I मैंने सुना है इस बार भी चारों तरफ इसकी योजनाएँ बन रही हैं, लोग उत्साह से “एकता की दौड़” की तैयारी कर रहे हैं I “एकता की दौड़” ही सच्चे अर्थ में विकास की दौड़ है | दूसरे अर्थ में कहूँ तो विकास की दौड़ की गारंटी भी एकता की दौड़ है I आइये, सरदार साहब को श्रद्धांजलि दें I एकता के मंत्र को आगे बढ़ाएँ I
प्यारे भाई-बहनों, अब तो आप सब लोग दीवाली की तैयारियों में लगे होंगे, घर में सफाई होती होंगी | नई चीज़ें खरीदी जाती होंगी I दीपावाली का पर्व हमारे देश के हर कोने में अलग-अलग रूप से मनाया जाता है I दीपावली के पावन पर्व के लिए मैं आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ | लेकिन, दीवाली के दिनों में कुछ हादसे भी ध्यान में आते हैं I पटाखे फोड़ने के कारण या दीप के कारण आगजनी होती है I पटाखों के कारण बच्चों को बहुत नुकसान हो जाता है I मैं हर माँ-बाप से कहूँगा कि दीपावली का आनंद तो मनाएँ लेकिन ऐसा कोई अकस्मात् न हो जाये, हमारे परिवार की संतान का कोई नुकसान न हो जाये | आप ज़रूर इसकी भी चिंता करेंगे और सफाई तो करनी ही करनी है I
मेरे प्यारे देशवासियो, दीपावली के दूसरे दिन मुझे ब्रिटेन की यात्रा पर जाना है I मैं इस बार ब्रिटेन की मेरी यात्रा के लिए बहुत रोमांचित हूँ | और उसका एक विशेष कारण है I कुछ सप्ताह पूर्व मैं मुंबई में बाबा साहेब अम्बेडकर के ‘चैत्य-भूमि’ के पास एक भव्य स्मारक का शिलान्यास करने गया था और अब मैं लंदन में, जहाँ डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर रहते थे वो घर अब भारत की संपत्ति बन गया है, सवा-सौ करोड़ देशवासियों का प्रेरणा स्थान बन गया है, उसको विधिवत रूप से उदघाटन करने के लिए जा रहा हूँ I दलित हो, पीड़ित हो, शोषित हो, वंचित हो, पिछड़े हो, कठिनाइयों से जिंदगी गुजारा करने वाले किसी भी भारतीय के लिए बाबा साहेब अम्बेडकर का ये भवन इस बात की प्रेरणा देता है कि अगर इच्छा-शक्ति प्रबल हो तो संकटों को पार करके भी अपने जीवन को आगे बढ़ाया जा सकता है, शिक्षा प्राप्त की जा सकती है और यही जगह है, जिस जगह पर बैठ के बाबा साहेब अम्बेडकर ने तपस्या की थी I भारत सरकार भी और राज्य सरकारें भी समाज के इस प्रकार के वर्गों को दलित हो, आदिवासी हो, पिछड़े हो, ऐसे होनहार बच्चों को स्कालरशिप देती है जो विदेश पढ़ने जाते हैं I भारत सरकार भी होनहार दलित युवक-युवतियों को प्रोत्साहन देती है I मुझे विश्वास है कि जब ब्रिटेन में भारत के ऐसे हमारे बालक पढ़ने जाएँगे तो बाबा साहेब अम्बेडकर का ये स्थान उनके लिए तीर्थ क्षेत्र बन जाएगा, प्रेरणा भूमि बन जाएगा और जीवन में कुछ सीखना लेकिन बाद में देश के लिए जीना, यही सन्देश तो बाबा साहेब अम्बेडकर ने दिया, जी कर के दिया | और इसीलिए मैं कह रहा हूँ कि मेरी ब्रिटेन की यात्रा में, मैं विशेष रोमांचित हूँ, कई वर्षों से विषय उलझा पड़ा था और अब वो भवन सवा-सौ करोड़ देशवासियों की संपत्ति बनता हो, बाबा साहेब अम्बेडकर का नाम जुड़ा हो तो मेरे जैसे लोगों को कितना आनंद होगा, इसका आप अंदाज लगा सकते हैं I मुझे लंदन में एक और अवसर भी मिलने वाला है, भगवान विश्वेश्वर की प्रतिमा का अनावरण I अनेक वर्षों पहले भगवान विश्वेश्वर ने लोकतंत्र के लिए, एम्पावरमेंट ऑफ वूमन के लिए जो काम किये थे वो दुनिया का एक सचमुच में अध्ययन करने वाला पहलू है I लंदन की धरती पर भगवान विश्वेश्वर की प्रतिमा का लोकार्पण ये अपने आप में सदियों पहले भारत के महापुरुष कैसा सोचते थे कितना लम्बा सोचते थे उसका एक उत्तम उदहारण है I तो आप जानते हैं कि जब ऐसी घटनाएँ जुड़ी हों तो हम सभी देशवासियों का मन रोमांचित हो उठता है I
मेरे प्यारे देशवासियों “मन की बात” के साथ आप जुड़े रहते हैं I टेलीफोन के द्वारा, माई गोव.इन के द्वारा आपके सुझाव मुझे मिलते रहते हैं I आपके पत्रों की बात में आकाशवाणी पर चर्चा भी होती है I सरकारी अधिकारियों को बुलाकर के चर्चा होती है I कुछ लोग अपनी समस्याएँ लिखते हैं, समस्याओं का समाधान करने का भी प्रयास होता है I भारत जैसे देश में हमें अनेक भाषाओं को सीखना चाहिये | कुछ भाषाएं तो मुझे सीखने का सौभाग्य मिला है लेकिन फिर भी इतनी भाषाएं हैं कि मैं कहां सीख पाया ? नहीं | लेकिन फिर भी मैं आकाशवाणी का आभारी हूँ कि इस “मन की बात” को रात को 8 बजे हरेक राज्य की प्रादेशिक भाषा में वो प्रसारित करते हैं I भले ही वो आवाज़ किसी और की हो, लेकिन बात तो मेरे मन की होती है I आपकी भाषा में आप तक पहुँचने का भी रात को 8 बजे ज़रूर प्रयास करूँगा I तो एक अच्छा हम लोगों का नाता जुड़ गया है I पिछले समय मैं एक वर्ष पूर्ण कर रहा था आज हम नए वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं I मेरे प्यारे देशवासियों को एक बार फिर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ I
जय हिंद !
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