Friday, 14 December 2012

पंजाबी कवि दरबार


 आधुनिक पंजाबी साहित्‍य के पितामह भाई वीर सिंह के 140वें जन्‍मदिवस के उपलक्ष्‍य में 5 दिसंबर 2012को आकाशवाणी दिल्‍ली के पंजाबी अनुभाग द्वारा प्रसारण भवन के स्‍टूडियो नं 1 में आमंत्रित श्रोताओं के समक्ष पंजाबी कवि दरबार का आयोजन किया गया। इसमें पंजाबी के जाने-माने कवियों एवं कवयित्रियों ने भाग लिया, जिनमें डा वनिता, डा बरजिन्‍दर चौहान, श्री बलीवीर माधोपुरी, प्रो इन्‍दर सिंह इन्‍दे एवं सुश्री उष्‍मा ने अपनी रचनाएं पढकर श्रोताओं को मंत्रमुग्‍ध कर दिया।
कवि दरबार के आरंभ में डा मंजीत सिंह, प्रमुख पंजाबी विभाग, दि.वि. ने भाई वीर सिंह के जीवन, पंजाबी साहित्‍य को उनके योगदान पर प्रकाश डाला। तत्‍पश्‍चात डा बरजिन्‍दर चौहान ने अपनी पंजाबी गजलों से श्रोताओंका मन मोह लिया। डा चौहान के पश्‍चात सुश्री उष्‍मा ने अपनी कुछ नज्‍में पढीं।
प्रो इन्‍दे ने बाल मनोविज्ञान से जुडी कविताएं प्रस्‍तुत कीं। उनकी कविताअें ने हर आदमी के मन में बसी बाल स्‍मृतियों को ताजा कर दिया। दलित चेतना से जुडे कवि श्री बलवीर माधोपुरी ने अपनी कविताओं द्वारा श्रोताओं को प्रभावित किया।
साहित्‍य अकादमी द्वारा पुरस्‍कृत कवयित्री डा वनीता ने अपनी कविताओं के माध्‍यम से जहां सांस्‍कृतिक मूल्‍यों की बात की वहीं वर्तमान परिस्थितियों पर व्‍यंग्‍य करते हुए दर्शकों को आनंदित किया।
इस कवि दरबार का संचालन पंजाबी उद्घोषिका सुश्री हरजीत कौर ने सफलतापूर्वक किया।  

Wednesday, 14 November 2012

PUBLIC SERVICE BROADCASTING DAY CELEBRATION


Public Service Broadcasting Day was observed in the Forecourt of Broadcasting House on 12th November, 2012   Member Personnel  of the Prasar Bharti Board,  Brigadier (Retd.) V.A.M. Hussain dedicated revamped FM GOLD and FM Rainbow, Premier FM channels of All India Radio to the discerning listeners in a new AVTAR.


       
This Day is observed to remember that historic day when the Father of the Nation Mahatama Gandhi visited Delhi Station of All India Radio for the first and only time to record a Message for the grief-stricken refugees, in the aftermath of the Partition. To commemorate Mahatma’s visit to AIR Delhi, every year on November 12, a Function is organized in the forecourt of Broadcasting House at 3.00 pm.  

Awards for the outstanding Programmes done both on Radio in the category of Public Service Broadcasting and Gandhian Philosophy were instituted to mark the occasion. In this Function, Award for the Public Service Broadcasting and Gandhian  Philosopy 2012, were announced.  This year Award for the Public Service Broadcasting was bagged by Jallandar Station of AIR   and Award for Gandhian Philosopy was won by  Bengaluru Station of AIR .


   The Function had Vadya Vrinda Orchestral Compositions on Gandhian themes and also had Patriotic Songs, Bhajans and Ram Dhun by AIR Choral Group that were dear to Gandhi ji.


                                                -2-
Lauding the role played by both FM GOLD and FM RAINBOW Channels of AIR, in bringing people to the mainstream,  Brigadier V.A.M. Hussain said AIR has played major contribution in informing the masses about the progress made by the country. Shri Leeladhar Dhar Mandloi, DG, AIR; Smt. Aparna Vaish, ADG (PP&D); Ms T. Dolkar, ADG(NR) and Shri LS Bajpai, DDG I/C, AIR Delhi graced the occasion.  

      In the new Avatar, both FM Gold Channel and FM Rainbow Channel have come up with several interesting new Shows  i.e., GALI GALI GOLD based on the historic by lanes of Old Delhi, RUPEHLEY PARDEY KE SUNEHRE SAU SAAL, celebrating the 100 Golden years of Indian Cinema have been introduced on FM Gold. Apart from these Celebrities/Media Personalities  will present newly designed Shows ‘GA MERE MAN GA’ and ‘GATA JAYE BANJARA’ as Guest RJs.   In addition to this, Voices of Prominent Personalities of Freedom Struggle and other National Icons like Mahatama Gandhi, Pt. Nehru and Maulana Abdul Kalam Azad may be listened in a newly designed Series named EK VICHAR EK ROSHNI .               
        FM Rainbow has also introduced several new Shows like CHHOTE USTAD which will introduce young Talent.  This Channel is very popular among young people.



                                                    

Wednesday, 31 October 2012

'बेगम अख्‍तर स्‍मृति संगीत सभा' आकाशवाणी, लखनऊ


बेगम अख़्तर को उसी स्टूडियो में याद किया गया 

जहां वह कभी गाती थीं


मल्लिका-ए-ग़ज़ल बेगम अख़्तर ने अपनी बहुत सारी ग़ज़लों की पहली रिकार्डिंग आकाशवाणी लखनऊ में करवायी थी। उनकी यादों का गवाह वह स्टूडियों नं0-1 है, जो आज आकाशवाणी लखनऊ के सभाकक्ष में तब्दील हो गया है। आकाशवाणी लखनऊ के पुराने कर्मियों के जे़हन में आज भी बेगम अख़्तर से जुड़ी बहुत सी यादें ताजा हैं और सब ने उन्हीं यादों को सामने रखा ‘‘बेगम अख़्तर स्मृति संगीत सभा" में। इस सभा का आयोजन आकाशवाणी लखनऊ ने बेगम अख़्तर की 38वीं पुण्यतिथि के अवसर पर किया।
    बेगम अख़्तर की बहुत सारी संगीत रचनाओं के लिए धुन बनाने वाले, आकाशवाणी के भूतपूर्व संगीत संयोजक 88 वर्षीय विनोद चटर्जी ने बेगम अख़्तर की खूबियों का ज़िक्र किया तो उस दौर में ट्रांसमिशन इंचार्ज रहे आकाशवाणी के भूतपूर्व सहायक केन्द्र निदेशक के.के. श्रीवास्तव ने बेगम अख़्तर से अपने आत्मीय रिश्तों का खुलासा किया।  बेगम अख़्तर की मृत्यु के पश्चात संगीतकार मदन मोहन का आकाशवाणी लखनऊ आना और उनकी याद में फूट-फूट कर रोना भी इन्हीं संस्मरणों का हिस्सा था। इस संगीत संध्या में विनोद चटर्जी ने खुमार बाराबंकवी की ग़ज़ल सुनाई
        ‘‘क्या हुआ हुस्न है हमसफर या नहीं
            इश्क मंजिल ही मंजिल है रास्ता नहीं,’’
        ‘‘नज़र से ढल के उभरते हैं दिल के अफसाने
            ये और बात है दुनिया नज़र न पहचाने’’
    कार्यक्रम में भातखण्डे सम विश्वविद्यालय की शिक्षिका डा सीमा भारद्वाज ने बेगम अख़्तर द्वारा गायी गजलों को सुनाया।
        ‘‘कोई यह कह दे गुलशन गुलशन
            लाख बलाएं, एक नशेमन’’
        ‘‘दिल ए नादां तुझे हुआ क्या है
            आखि़र इस दर्द की दवा क्या है’’
    इस संगीत संघ्या को फैजाबाद के डा हरि प्रसाद दूबे ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में आकाशवाणी लखनऊ के अपर महानिदेशक श्री गुलाबचन्द, सहायक निदेशक पृथ्वीराज चौहान, कार्यक्रम अधिशासी डा महेन्द्र पाठक, प्रफुल्ल त्रिपाठी, रश्मि चैधरी, अर्चना प्रसाद, शर्मिला गोस्वामी के अतिरिक्त बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी उपस्थित थे।

 कार्यक्रम का संचालन आसिफा फाखरी ने किया।

बेगम अख्‍तर की गजलों की रिकार्डिंग्‍स आकाशवाणी आर्काइब में उपलब्‍ध है और आप इन्‍हें खरीद सकते हैं - 




Friday, 26 October 2012

150th Birth Year of Baba Allauddin Khan Sahib


CELEBRATION OF 150TH BIRTH YEAR OF BABA ALLAUDDIN KHAN



1.   It was an elite gathering of renowned musicians and music lovers at the NCPA Auditorium, Mumbai on 20th Oct. 2012, where in AIR had organized a musical evening to mark the 150th Birth Year of Baba Allauddin Khan Sahib, the doyen of the Maihar Gharana.  All India Radio fittingly chose the occasion to release five volumes of orchestral compositions by eminent vadyavrinda Composers like Pt. Pannalal Ghosh,  Pt. Ravi Shankar, Pt. Vijay Raghav Rao, Anil Biswas, Emani Shankar Shastri. T K Jayarama Iyar, M Y Kamashatri etc. besides that of Baba Allauddin Khan Sahib.





2.         The function was presided over by the Chairperson Prasar Bharti Board, Smt. Mrinal Pandey.  Sarangi Maestro Pt. Ramnarayan was the Special Guest of the evening. After the CD release function, the audience were treated to a delightful Sarod Recital by Pt. Basant Kabra, orchestral compositions of Baba Allauddin Khan Sahab presented by the Mehar Band, concluding with an enchanting Flute Recital by Pt. Hari Prasad Chaurasia. 
 

3.         After the program the audiences while leaving the auditorium were heard saying that it was an excellent musical evening and a fitting tribute to Baba Allauddin Khan Sahib.
 
4.         Press Reports on this event have high words of appreciation for AIR efforts in propagating music and for organizing this event. 
 

 

 

 


Tuesday, 9 October 2012

'शाम की चाय' में अंतरराष्‍ट्रीय पहलवानों के संस्‍मरण



आकाशवाणी के चर्चित कार्यक्रम 'शाम की चाय' में पिछले 6 अक्‍टूबर की शाम राजधानी के छत्रसाल स्‍टेडियम में अंतरराष्‍ट्रीय पहलवानों रजत पदक विजेता सुशील कुमार, कांस्‍य पदक विजेता योगेश्‍वर दत्‍त व गुरू द्रोणाचार्य अवार्डी महाबली सतपाल ने आमंत्रित श्रोताओं के समक्ष अपने संस्‍मरण सुनाए। योगेश्‍वर दत्‍त ने बताया  कि  किस तरह पिता के देहांत के दो दिन बाद  ही उन्‍हें दोहा एशियाड में भाग लेने जाना पडा जहां से वे कांस्‍य पदक जीत कर लौटे। भारतीय पहलवान सतपाल ने मंगोलिया के पहलवान को हराकर एशियाड स्‍वर्ण पदक जीता था। तीन बार के ओलंपियन सतपाल खुद ओलंपिक पदक नहीं जीत पाए पर आगे उन्‍होंने गुरू के रूप में बडी भूमिका निभायी। उनके शिष्‍य सुशील पिछले दो ओलंपिक से पदक जीत रहे हैं और योगेश्‍वर दत्‍त ने भी ओलंपिक का तमगा देश की झोली में डाला।

पहलवानों से बातचीत वरिष्‍ठ प्रसारणकर्मी डॉ ऋतु राजपूत व भीमप्रकाश शर्मा ने की और संचालन जैनेन्‍द्र सिंह व प्रमोद कुमार ने किया।आकाशवाणी के उप महानिदेशक लक्ष्‍मी शंकर वाजपेयी ने पहलवानों को सम्‍मानित किया। कार्यक्रम के संयोजक एम एस रावत  के अनुसार खेल प्रेमियों के अनुरोध पर पहली बार यह कार्यक्रम किसी स्‍टेडियम में आयोजित हुआ।

                                                         कार्यक्रम की कुछ झलकियां