आकाशवाणी के चर्चित कार्यक्रम 'शाम की चाय' में पिछले 6 अक्टूबर की शाम राजधानी के छत्रसाल स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय पहलवानों रजत पदक विजेता सुशील कुमार, कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त व गुरू द्रोणाचार्य अवार्डी महाबली सतपाल ने आमंत्रित श्रोताओं के समक्ष अपने संस्मरण सुनाए। योगेश्वर दत्त ने बताया कि किस तरह पिता के देहांत के दो दिन बाद ही उन्हें दोहा एशियाड में भाग लेने जाना पडा जहां से वे कांस्य पदक जीत कर लौटे। भारतीय पहलवान सतपाल ने मंगोलिया के पहलवान को हराकर एशियाड स्वर्ण पदक जीता था। तीन बार के ओलंपियन सतपाल खुद ओलंपिक पदक नहीं जीत पाए पर आगे उन्होंने गुरू के रूप में बडी भूमिका निभायी। उनके शिष्य सुशील पिछले दो ओलंपिक से पदक जीत रहे हैं और योगेश्वर दत्त ने भी ओलंपिक का तमगा देश की झोली में डाला।
पहलवानों से बातचीत वरिष्ठ प्रसारणकर्मी डॉ ऋतु राजपूत व भीमप्रकाश शर्मा ने की और संचालन जैनेन्द्र सिंह व प्रमोद कुमार ने किया।आकाशवाणी के उप महानिदेशक लक्ष्मी शंकर वाजपेयी ने पहलवानों को सम्मानित किया। कार्यक्रम के संयोजक एम एस रावत के अनुसार खेल प्रेमियों के अनुरोध पर पहली बार यह कार्यक्रम किसी स्टेडियम में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम की कुछ झलकियां
कार्यक्रम की कुछ झलकियां
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