‘मन की बात’ (कड़ी
– 4)
प्रसारण तिथि : 29.09.2019
मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार | साथियो, आज की ‘मन की बात’ में, देश की उस महान शख्सियत, मैं, उनकी
भी बात करूँगा | हम सभी
हिन्दुस्तानवासियों के दिल में, उनके
प्रति बहुत सम्मान है, बहुत लगाव है | शायद ही, हिन्दुस्तान का कोई नागरिक होगा, जो, उनके
प्रति आदर ना रखता हो, सम्मान ना करता हो
| वो उम्र में हम
सभी से बहुत बड़ी हैं, और देश के अलग-अलग पड़ावों, अलग-अलग
दौर की, वो साक्षी हैं | हम उन्हें दीदी कहते हैं – ‘लता दीदी’ | वो, इस 28 सितम्बर
को 90 वर्ष की हो रही
हैं | विदेश यात्रा पर
निकलने से पहले, मुझे, दीदी से फ़ोन पर बात करने का सौभाग्य मिला था
| ये बातचीत वैसे ही
थी, जैसे, बहुत दुलार में, छोटा भाई, अपनी
बड़ी बहन से बात करता है | मैं, इस तरह के व्यक्तिगत संवाद के बारे में, कभी बताता नहीं, लेकिन आज चाहता हूँ, कि, आप
भी, लता दीदी की बातें
सुनें, उस बातचीत को
सुनें | सुनिये, कि कैसे, आयु के इस पड़ाव में भी लता दीदी, देश से जुड़ी तमाम बातों के लिये उत्सुक हैं, तत्पर हैं, और जीवन का संतोष भी, भारत की प्रगति में है, बदलते हुई भारत में है, नई ऊंचाईयों को छू रहे भारत में है |
मोदी जी : लता दीदी, प्रणाम! मैं नरेंद्र मोदी बोल रहा हूँ |
लता जी : प्रणाम,
मोदी जी : मैंने
फ़ोन इसलिए किया, क्योंकि, इस बार आपके
जन्मदिन पर....
लता जी : हाँ हाँ
मोदी जी : मैं
हवाई जहाज में travelling कर रहा हूँ |
लता जी : अच्छा |
मोदी जी : तो
मैंने सोचा जाने से पहले ही
लता जी : हाँ हाँ
मोदी जी : आपको
जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं, अग्रिम
बधाई दे दूं | आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे,आपका आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे, बस यही प्रार्थना और आपको प्रणाम करने के लिए मैंने, अमेरिका
जाने से पहले ही आपको फ़ोन कर दिया |
लता जी : आपका फ़ोन आयेगा, यह सुन के ही मैं बहुत, ये हो
गयी थी | आप, जा के कब वापस आयेंगे |
मोदी जी : मेरा
आना होगा 28 late night और 29 morning और
तब आपका
जन्मदिन हो गया होगा |
लता जी : अच्छा, अच्छा |
जन्म
दिन तो क्या मनायेंगे, और
बस घर में ही सब लोग,
मोदी जी : दीदी देखिये मुझे तो
लता जी : आपका आशीर्वाद मिले तो
मोदी जी : अरे आपका आशीर्वाद हम मांगते हैं, आप तो हमसे बड़े
हैं|
लता जी : उम्र से बड़ा तो बहुत, कुछ लोग होते हैं, पर
अपने काम से जो बड़ा होता है, उसका
आशीर्वाद मिलना
बहुत बड़ी चीज होती है |
मोदी जी : दीदी, आप
उम्र में भी बड़ी हैं और काम में भी बड़ी हैं
और आपने ये जो सिद्धी पायी है, ये साधना और तपस्या
करके पायी है |
लता जी : जी, मैं
तो सोचती हूँ कि मेरे माता-पिता
का आशीर्वाद
है,
और
सुनने वालों का आशीर्वाद है | मैं
कुछ नहीं हूँ |
मोदी जी : जी, यही आपकी नम्रता
जो है, ये हम नयी पीढ़ी
के
सबके लिये, ये बहुत बड़ी
शिक्षा है, बहुत बड़ा हमारे
लिये inspiration है
कि आपने जीवन में इतना सब कुछ
Clear करने के बाद भी, आपके मात-पिता
के संस्कार
और उस नम्रता को हमेशा
ही प्राथमिकता दी है |
लता जी : जी |
मोदी जी : और मुझे तो खुशी
है कि जब आप गर्व से कहती हो
कि माँ गुजराती थी .....
लता जी : जी |
मोदी जी : और मैं जब भी आपके पास आया
लता जी : जी |
मोदी जी : आपने मुझे कुछ-ना-कुछ
गुजराती खिलाया |
लता जी : जी | आप क्या हैं, आपको
ख़ुद पता नहीं है |
मैं जानती हूँ कि आपके आने से भारत का चित्र बदल रहा
है और वो, वही मुझे बहुत खुशी होती है | बहुत
अच्छा लगता है |
मोदी जी : बस दीदी, आपके
आशीर्वाद बने रहें, पूरे देश पर
आपके
आशीर्वाद बने रहे, और, हम
जैसे लोग कुछ-ना-कुछ
अच्छा करते रहें, मुझे आपने हमेशा प्रेरणा दी है |
आपकी चिट्ठी भी मुझे मिलती
रहती है और आपकी
कुछ-ना-कुछ भेंट-सौगात भी मुझे मिलती रहती है तो ये
एक अपनापन,जो एक, पारिवारिक नाता है उसका एक
विशेष आनंद मुझे होता है |
लता जी : जी, जी | नहीं मैं आपको बहुत तकलीफ नहीं देना
चाहती हूँ, क्योंकि, मैं देख रही हूँ, जानती हूँ, कि
आप
कितने busy होते हैं और आपको कितना काम होता है |
क्या-क्या सोचना पड़ता है | जब, आप
जा के अपनी
माता जी को पाँव छू के आये, देखा तो मैंने भी किसी
को भेजा था उनके पास और
उनका आशर्वाद लिया|
मोदी जी : हाँ ! मेरी
माँ को याद था और वो मुझे बता रही थी |
लता जी : जी |
मोदी जी : हाँ |
लता जी : और टेलीफोन पर उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया, तो
मुझे, बहुत अच्छा लगा
मोदी जी : हमारी माँ बहुत प्रसन्न थी, आपके इस प्यार के कारण |
लता जी : जी जी |
मोदी जी : और मैं आपका बहुत आभारी हूँ कि आप हमेशा मेरी
चिंता करती हैं | और फिर एक बार मैं आपको जन्मदिन
की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूँ |
लता जी : जी |
मोदी जी : इस बार Mumbai
आया तो मन करता था कि
रूबरू आ जाऊं
लता जी : जी, जी
जरुर |
मोदी जी : लेकिन समय की इतनी व्यस्तता थी कि मैं आ नहीं पाया
लता जी : जी
मोदी जी : लेकिन मैं बहुत ही जल्द आऊँगा
लता जी : जी |
मोदी जी : और घर आ करके कुछ गुजराती चीजें आपके हाथ से
खाऊंगा |
लता जी : जी जरुर, जरुर, जरुर | ये तो मेरा सौभाग्य होगा |
मोदी जी : प्रणाम, दीदी
|
लता जी : प्रणाम |
मोदी जी : बहुत शुभकामनाएं | आपको
लता जी : बहुत-बहुत
प्रणाम |
मोदी जी : प्रणाम जी |
मेरे प्यारे देशवासियो, नवरात्रि
के साथ ही, आज से, त्योहारों का माहौल फिर एक बार, नयी उमंग, नयी ऊर्जा, नया
उत्साह, नए संकल्प से भर
जाएगा | festival season है ना ! आगे कई हफ़्तों तक, देश भर में, त्योहारों
की रौनक रहेगी | हम सभी, नवरात्रि महोत्सव, गरबा, दुर्गा-पूजा, दशहरा, दीवाली, भैया-दूज, छठ-पूजा, अनगिनत त्यौहार मनायेंगे | आप सभी को, आने वाले त्योहारों की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं | त्यौहारों में, परिवार के सब लोग साथ आयेंगे | घर खुशियों से भरे होंगे, लेकिन, आपने
देखा होगा, कि, हमारे आस-पास भी, बहुत
सारे ऐसे लोग हैं, जो, इन त्योहारों की खुशियों से वंचित रह जाते
हैं और इसी को तो कहते हैं – ‘चिराग
तले अन्धेरा’ | शायद, ये
कहावत, सिर्फ शब्द नहीं
हैं, हम लोगों के लिए, एक आदेश है, एक दर्शन है, एक
प्रेरणा है | सोचिये, एक तरफ, कुछ घर रोशनी से जगमगाते हैं, वहीं, दूसरी
तरफ, उसी के सामने, आस-पास
कुछ लोगों के घरों में, अन्धेरा छाया होता
है | कुछ घरों में, मिठाइयाँ खराब हो रही होती हैं, तो, कुछ
घरों में, बच्चे, मिठाई को तरसते हैं | कहीं अलमारी में कपड़े रखने की जगह नहीं होती, तो कहीं, तन ढकने की, मसक्कत
(मशक्कत) चलती है | क्या? इसे चिराग तले अन्धेरा नहीं कहेंगे - यही तो चिराग तले अन्धेरा है | इन त्योहारों का असली आनंद तभी है, जब, यह
अन्धेरा छठे, ये अन्धेरा कम हो - उजियाला फैले | हम, वहाँ
भी खुशियाँ बांटे, जहाँ, अभाव है, और, ये
हमारा स्वभाव भी हो | हमारे घरों में, मिठाइयों की, कपड़ों की, gifts की, जब delivery in हो, तो
एक पल, delivery out के बारे में भी तो सोचें | कम-से-कम हमारे घरों में, जो अधिकता में है, जिसको, अब
हम काम में नहीं लेते, ऐसी चीजों की तो delivery out जरुर करें | कई शहरों
में, कई NGOs युवा साथियों के start-ups ये काम करते हैं | वो, लोगों के घरों से, कपड़े, मिठाइयाँ, खाना, सब
कुछ इकट्ठा कर, जरुरतमंदों को
ढूंढ-ढूंढ करके, उन तक पहुंचाते हैं और गुमनाम गतिविधि करते
हैं | क्या इस बार, त्योहारों के इस season में,
पूरी जागरूकता और संकल्प के साथ, इस
चिराग तले अँधेरे को मिटा सकते हैं ? कई ग़रीब परिवारों
के चेहरे पर आई मुस्कान, त्योहारों पर, आपकी खुशियाँ दो-गुना कर देगी, आपका चेहरा, और
चमकेगा, आपका दिया, और प्रकाशमान हो जाएगा, आपकी दीवाली और रोशन हो जायेगी |
मेरे प्यारे भाइयो-बहनो, दीपावली
में, सौभाग्य और समृद्धि के रूप में, लक्ष्मी
का घर-घर आगमन होता है | परंपरागत
रूप से, लक्ष्मी का स्वागत है | क्या
इस बार हम नए तरह से लक्ष्मी का स्वागत कर सकते हैं ? हमारी
संस्कृति में, बेटियों को लक्ष्मी माना गया है, क्योंकि, बेटी
सौभाग्य और समृद्धि लाती है | क्या इस बार हम
अपने समाज में, गाँवों में, शहरों
में, बेटियों के सम्मान के कार्यक्रम रख सकते हैं
? सार्वजनिक कार्यक्रम रख सकते हैं | हमारे
बीच कई ऐसी बेटियाँ होंगी जो अपनी मेहनत और लगन से, talent से
परिवार का, समाज का, देश
का, नाम रोशन कर रही होंगी | क्या
इस दिवाली पर भारत की इस लक्ष्मी के सम्मान के कार्यक्रम, हम
कर सकते हैं ? हमारे आस-पास
कई बेटियाँ, कई बहुएँ ऐसी होंगी, जो, असाधारण
काम कर रही होंगी | कोई, गरीब बच्चों की
पढाई का काम कर रही होंगी | कोई स्वच्छता और
स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने में जुटी होगी, तो
कोई, डॉक्टर, इंजीनियर
बन कर समाज की सेवा कर रही होगी | वकील बन करके, किसी
को न्याय दिलाने के लिए कोशिश करती होगी | हमारा समाज, ऐसी
बेटियों की पहचान करे, सम्मान करे, और
उन पर, अभिमान करे | इनके
सम्मान के कार्यक्रम, देशभर में हो | एक
काम और कर सकते हैं, कि, इन बेटियों की
उपलब्धियों के बारे में, social media में अधिक से अधिक share करें, और
#(Hashtag)
use करें #bharatkilaxmi (भारत
की लक्ष्मी) | जैसे हम सबने मिलकर एक महा-अभियान
चलाया था ‘Selfie with daughter’ और वो दुनियाभर में फैल
गया था | उसी तरह, इस
बार, हम अभियान चलायें ‘भारत
की लक्ष्मी’ | भारत की लक्ष्मी के प्रोत्साहन का मतलब है
देश और देशवासियों के समृद्धि के रास्ते मजबूत करना |
मेरे प्यारे देशवासियों, ‘मन
की बात’ का मैंने पहले भी कहा था बहुत बड़ा लाभ है
कि मुझे कई जाने-अनजाने लोगों से प्रत्यक्ष-परोक्ष
संवाद करके का सौभाग्य मिल जाता है | पिछले दिनों दूर-सुदूर
अरुणाचल से एक विद्यार्थी ने अलीना तायंग, मुझे बड़ा interesting पत्र
भेजा है | और उसमें लिखा है, मैं
पत्र पढ़ देता हूँ आपके सामने...
आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
मेरा
नाम अलीना तायंग है | मैं रोइंग, अरुणाचल
प्रदेश से हूँ | इस बार जब मेरे exam का
result
आया तो मुझे कुछ लोगों ने पूछा कि
तुमने Exam Warriors किताब पढ़ी क्या? मैंने
बताया, कि, यह पुस्तक तो
मैंने नहीं पढ़ी है | लेकिन, वापस
जाकर, मैंने, ये
किताब खरीदी और उसे 2-3 बार पढ़ गई | इसके
बाद मेरा अनुभव काफी अच्छा रहा | मुझे लगा, कि, यदि
मैंने ये किताब exam से पहले पढ़ी होती तो मुझे काफी लाभ होता | मुझे
इस किताब से कई पहलू बहुत अच्छे लगे, लेकिन, मैंने
ये भी चीज़ देखी कि students के लिए तो बहुत सारे मंत्र है लेकिन parents और
teachers
के लिए इस बुक में ज्यादा कुछ नहीं है | मैं
चाहूंगी कि अगर आप किताब के नए edition के बारे में कुछ सोच रहे
हैं तो उसमें parents और teachers को
लेकर कुछ और मंत्र, कुछ और content जरुर
शामिल करें |”
देखिये, मेरे
युवा साथियों को भी भरोसा है कि देश के प्रधान सेवक को काम बतायेंगे, तो, हो
ही जाएगा |
मेरे नन्हे से विद्यार्थी मित्र, पहले तो, पत्र
लिखने के लिए आपका धन्यवाद | Exam Warriors 2-3 बार
पढ़ने के लिए, धन्यवाद | और
पढ़ते समय, उसमें से क्या कमी है ये भी मुझे बताने के
लिए, बहुत-बहुत धन्यवाद और
साथ-साथ मेरे इस नन्हे से मित्र ने मुझे काम भी
सौंप दिया है | कुछ करने का आदेश दिया है | मैं
जरुर आपके आदेश का पालन करूँगा | आपने जो कहा है
कि अगर मैं नयी edition के समय निकल पाऊँगा तो जरुर उसमें मैं parents के
लिए, teachers के लिए कुछ बातें लिखने का प्रयास करूँगा | लेकिन
मैं आप सबसे आग्रह करूँगा कि क्या मुझे आप लोग मदद कर सकते है ? रोजमर्रा
की ज़िन्दगी में आप क्या अनुभव करते हैं | देश के सारे
विद्यार्थीयों से, teachers से, parents से
मेरा आग्रह है, कि, आप, stress free exam से
जुड़े पहलुओं को लेकर के, अपने अनुभव मुझे बताइए, अपने
सुझाव बताइए | मैं जरुर उसका अध्ययन करूँगा | उस
पर मैं सोचूँगा और उसमें से जो मुझे ठीक लगेगा उसको मैं मेरे अपने शब्दों में, अपने
तरीके से जरुर लिखने का प्रयास करूँगा, और हो सकता है, अगर, आपके
सुझाव ज्यादा आयेंगे तो मेरी नई edition की बात भी पक्की हो
जायेगी | तो मैं इंतज़ार करूँगा आपके विचारों का | अरुणाचल
के हमारे नन्हे से दोस्त, विद्यार्थी अलीना तायंग को फिर से एक बार
आभार व्यक्त करता हूँ |
मेरे प्यारे
देशवासियो, आप अखबारों के
माध्यम से, टी.वी. के
माध्यम से देश के प्रधानमंत्री के व्यस्त कार्यक्रमों के विषय में जानते भी हैं, व्यस्तता की चर्चा भी करते हैं | लेकिन, आपको मालूम है ना मैं भी आप ही के जैसा एक सामान्य
इंसान हूँ | एक सामान्य नागरिक
हूँ और इसलिए एक सामान्य जिंदगी में जो-जो
चीज़ों का प्रभाव होता है, वैसा प्रभाव मेरे
जीवन में मेरे मन को भी होता है क्योंकि मैं भी तो आप ही के बीच निकला हूँ ना | देखिये, इस बार US Open
में, जीत के, जितने चर्चें थे, उतने ही, runner up Daniil Medvedev के speech के भी थे | Social
Media पर काफी चल रहा था तो फिर, मैंने भी वो speech सुनी और match भी देखा | 23 साल के Daniil
Medvedev उनकी simplicity और उनकी maturity हर किसी को प्रभावित करने वाली थी | मैं तो जरुर प्रभावित हुआ | इस speech से बस थोड़ी देर पहले ही वे 19 बार के Grand Slam विजेता और tennis
के legend Rafael Nadal से फाइनल में हार गए थे | इस अवसर पर कोई और होता तो वह उदास और निराश हो गया
होता, लेकिन, उनका चेहरा मुरझाया नहीं, बल्कि उन्होंने, अपनी बातों से सब के चेहरों पर मुस्कान ला दी | उनकी विनम्रता, सरलता और true sense में letter and spirit में sportsman spirit का जो रूप देखने को मिला, हर कोई, कायल
हो गया | उनकी बातों का
वहाँ मौजूद दर्शकों ने गर्मजोशी से स्वागत किया | Daniil
ने champion Nadal की भी जमकर के
तारीफ की | उन्होंने कहा कि
किस प्रकार Nadal ने लाखों युवाओं
को tennis के लिए प्रेरित
किया है | साथ ही ये भी कहा
कि उनके साथ खेलना कितना मुश्किल था | कड़ी
टक्कर में हार के बाद भी उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी Nadal की तारीफ कर sportsman spirit का जीता जागता सबूत दे दिया | हालांकि दूसरी तरफ champion Nadal ने भी Daniil के खेल की जमकर सराहना की | एक ही match
में हारने वाले का जोश और जीतने वाले की विनम्रता दोनों देखने लायक थी | यदि आपने Daniil medvedev की speech नहीं सुनी है | तो मैं आप सभी से विशेष रूप से युवाओं से कहूँगा कि
उनके इस video को जरुर देखें | इसमें हर वर्ग और हर उम्र के लोगों के सीखने
के लिए बहुत कुछ है | ये वे क्षण होते
हैं, जो, हार-जीत
से बहुत परे होते हैं | हार-जीत कोई मायना नहीं रखता है | जिंदगी जीत जाती है और हमारे यहाँ तो
शास्त्रों में बहुत बढ़िया ढंग से इस बात को कहा गया है | हमारे पूर्वजों की सोच सचमुच में काबिले दाद है | हमारे यहाँ शास्त्रों में कहा गया है :-
विद्या विनय उपेता
हरति
न चेतांसी कस्य
मनुज्स्य |
मणि कांचन संयोग:
जनयति लोकस्य लोचन
आनन्दम
यानी, जब किसी व्यक्ति
में योग्यता और विनम्रता एक साथ समाहित हो जाए, तो वो फिर, किसका
दिल नहीं जीत सकता है | वास्तव में, इस युवा खिलाड़ी ने दुनिया भर के लोगों का
दिल जीता है |
मेरे प्यारे देशवासियो और खास-करके मेरे युवा मित्रों, मैं अब जो बात करने जा रहा हूँ, वो, सीधा-सीधा आपकी भलाई के लिए कर रहा हूँ | वाद-विवाद
चलते रहेंगें, पक्ष-विपक्ष चलता रहेगा, लेकिन, कुछ
चीजें, बढ़ने से पहले ही
अगर रोक लेते हैं, तो, बहुत बड़ा लाभ होता है | जो चीजें बहुत बढ़ जाती हैं | बहुत फैल जाती हैं | उसको बाद में रोकना बहुत मुश्किल होता है | लेकिन, अगर शुरू में ही हम जागृत होकर के उसे रोक लें, तो, बहुत
कुछ बचाया जा सकता है | इसी भाव से, मेरा मन करता है, आज, खास-करके मेरे युवाओं से मैं जरुर कुछ बातें
करूँ | हम सभी जानते हैं
कि तम्बाकू का नशा, सेहत के लिए, बहुत नुकसानदायक होता है और उसकी लत छोड़ना
भी बहुत मुश्किल हो जाता है | तम्बाकू
का सेवन करने वाले लोगों को cancer,
diabetes, blood pressure जैसी बीमारियों का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है | ऐसा हर कोई कहता है | तम्बाकू से नशा उसमें मौजूद nicotine के कारण होता है | किशोरावस्था में इसके सेवन से दिमाग का
विकास भी प्रभावित होता है | लेकिन, आज, मैं
आपसे, एक नए विषय पर बात
करना चाहता हूँ | आपको पता होगा, कि, हाल
ही में भारत में e-cigarette पर प्रतिबन्ध
लगाया गया है | सामान्य cigarette से अलग e-cigarette एक प्रकार का electronic उपकरण होता है | e-cigarette में nicotine
युक्त तरल पदार्थ को गर्म करने से एक प्रकार का chemical धुंआ बनता है | इसके माध्यम से nicotine का सेवन किया जाता है | सामान्य cigarette
के खतरों को जहाँ हम सब भली-भांति
समझते हैं, वहीं, e- cigarette के बारे में एक गलत धारणा पैदा की गई है | ये भ्रान्ति फैलाई गई है कि e-cigarette से कोई खतरा नहीं है | बाकी cigarette की तरह इससे दुर्गन्ध न फैले, इसके लिए, इसमें
सुगन्धित रसायन तक मिलाए जाते थे | हमनें
आस-पास देखा है, कि, अगर
घर में पिता chain smoker होते हैं, तो भी, वो, घर
के बाकी लोगों को smoking करने से रोकते हैं, टोकते हैं | और चाहते हैं, उनके बच्चों को cigarette की बीड़ी की आदत न लगे | उनकी, यही
कोशिश होती है, कि, परिवार का कोई भी सदस्य धूम्रपान न करे, Smoking न करे | वो
जानते हैं कि smoking से, तम्बाकू
से शरीर को भारी नुकसान होता है | cigarette के खतरे को लेकर
किसी प्रकार का भ्रम नहीं है | उससे
नुकसान होता है | ये बेचने वाला भी
जानता है | पीने वाला भी
जानता है और देखने वाला भी जानता है | लेकिन
e- cigarette का मामला बहुत ही अलग है | e- cigarette को लेकर लोगों में इतनी awareness नहीं है | वे इसके खतरे को लेकर भी पूरी तरह अंजान हैं
और इसी कारण कभी-कभी कौतुहल में e- cigarette चुपके से घर में प्रवेश कर
जाती है | और कभी तो कभी
जादू दिखा रहा हूँ, ऐसे कर के भी
बच्चे एक-दूसरे को दिखाते
रहते हैं | परिवार में माँ-बाप के सामने भी देखिये, मैं आज, नया जादू दिखाता हूँ | देखिये, मेरे
मुँह में से मैं धुंआ निकालता हूँ | देखिये
बिना आग लगाए, बिना दीया-सली जलाए, देखिये मैं धुंआ निकालता हूँ | जैसे कोई जादू का show दिखा रहा है और परिवार के लोग ताली भी बजा देते हैं
| पता ही नहीं है | एक बार जैसे ही घर के किशोर और युवा इसके
चंगुल में फंस गए, तो फिर, धीरे-धीरे, वे, इस
नशे के आदी हो जाते हैं | इस बुरी लत के
शिकार हो जाते हैं | हमारा युवा-धन बर्बादी के रास्ते पर चल पड़ता है | अनजाने में चल पड़ता है | वास्तव में e- cigarette में कई हानिकारक chemical मिलाए जाते हैं, जिसका, स्वास्थ्य
पर बुरा असर पड़ता है | आप जानते ही हैं, कि, जब
कोई हमारे आसपास धूम्रपान करता है, तो
हमें इसका पता गंध से ही चल जाता है | उसके
जेब में cigarette का packet हो, तब भी, गंध
से पता चल जाता है | परन्तु, e- cigarette के साथ ऐसी बात नहीं है | ऐसे में, कई किशोर और युवा, जाने-अनजाने
और कभी fashion statement के रूप में बड़े
गर्व के साथ अपने किताबों के बीच में, अपने
दफ्तर में, अपनी जेब में, कभी-कभी
अपने हाथ में लेकर के घूमते नजर आ रहे हैं और वो इसके शिकार हो जाते हैं | युवा पीढ़ी देश का भविष्य है | e- cigarette पर प्रतिबन्ध लगाया गया है ताकि नशे का यह
नया तरीका हमारे युवा देश को तबाह न कर दे | हर
परिवार के सपनों को रौंद न डाले | बच्चों
की जिंदगी बर्बाद न हो जाए | ये
बीमारी, ये आदत समाज में
जड़ें न जमा दें |
मैं आप सभी से यह
आग्रह करता हूँ, कि, तम्बाकू के व्यसन को छोड़ दें और e- cigarette के संबंध में कोई गलत फहमी न पालें | आइये हम सब मिलकर एक स्वस्थ भारत का निर्माण करें |
हाँ ! आपको Fit India तो याद है न ? Fit India का मतलब यहाँ थोड़ा है कि हाथ-पैर सुबह-शाम
दो-दो घंटे हम gym में चले जाएं, तो हो जाएगा | इन सब से भी बचना होता है Fit India के लिए | मुझे
विश्वास है मेरी बात आपको बुरी नहीं लगेगी, जरुर
अच्छी लगेगी |
मेरे प्यारे भाइयो
बहनो, ये हम सब के लिए
सौभाग्य की बात है कि हमारा भारतवर्ष ऐसे असाधारण लोगों की जन्म-भूमि और कर्म-भूमि रहा है, जिन्होंने, अपने लिए नहीं, बल्कि, दूसरों
की भलाई के लिए सारा जीवन खपा दिया है |
ये हमारी भारतमाता, ये हमारा देश, बहुरत्ना वसुंधरा है | अनेक मानव रत्न इस धरती से निकले हैं | भारत-वर्ष
ऐसे असाधारण लोगों की जन्म-भूमि
रहा है, कर्म-भूमि रहा है | और ये वो लोग हैं, जिन्होंने, अपने
लिए नहीं, औरों के लिए, अपने आप को खपा दिया है | ऐसी ही, एक महान विभूति को 13 अक्टूबर को वेटिकन सिटी में सम्मानित किया जा रहा
है | यह हर भारतीय के
लिए गर्व की बात है, कि, पोप फ्रांसिस आने वाले 13 अक्टूबर को मरियम थ्रेसिया
को संत घोषित करेंगे | सिस्टर मरियम
थ्रेसिया ने 50 साल के अपने छोटे
से जीवनकाल में ही मानवता की भलाई के लिए जो कार्य किए, वो पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है | समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र से, उनका अद्भुत लगाव था | उन्होंने, कई
स्कूल, हॉस्टल और अनाथालय
बनवाए, और जीवनपर्यन्त, इस मिशन में लगी रहीं | सिस्टर थ्रेसिया ने जो भी कार्य किया, उसे निष्ठा और लगन के साथ, पूरे समर्पण भाव से, पूरा किया | उन्होंने, Congregation of the Sisters of the Holy Family की स्थापना की | जो आज भी उनके जीवन दर्शन और मिशन को आगे
बढ़ा रहा है | मैं एक बार फिर से
सिस्टर मरियम थ्रेसिया को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ और भारत के लोगों को खास तौर पर हमारे ईसाई भाई-बहनों को इस उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ |
मेरे प्यारे देशवासियों, भारत ही नहीं आज पूरी दुनिया के लिए ये गर्व
का विषय है, कि, आज जब हम गाँधी 150 मना रहे हैं,
तो इसके साथ ही, 130 करोड़ देशवासियों
ने Single Use Plastic से मुक्त होने का
संकल्प लिया है | पर्यावरण संरक्षण
की दिशा में, भारत ने पूरे
विश्व में जिस प्रकार की lead ली है, उसे
देखकर, आज सभी देशों की
नजरे भारत की ओर टिकी है | मुझे
पूरा विश्वास है, आप सब 2 अक्तूबर को Single Use Plastic से मुक्ति के लिए होने
वाले अभियान का हिस्सा बनने वाले ही होंगे | जगह-जगह लोग अपने-अपने तरीक़े से इस अभियान में अपना योगदान दे रहें
हैं | लेकिन, हमारे ही देश के एक नौजवान ने, एक बड़ा ही अनोखा अभियान चलाया है | उनके इस काम पर मेरा ध्यान गया, तो,
मैंने उनसे फ़ोन पर बात करके उनके इस नए प्रयोग को जानने समझने की कोशिश की | हो सकता है, उनकी ये बातें देश के और लोगों को भी काम आये | श्रीमान् रिपुदमन बेल्वी जी एक अनोखा प्रयास
कर रहें हैं | वे Plogging करते हैं | जब पहली बार मैंने Plogging शब्द सुना तो मेरे लिए भी नया था | विदेशों में तो शायद ये शब्द कुछ मात्रा में
उपयोग हुआ है | लेकिन, भारत में, रिपुदमन बेल्वी जी ने इसको बहुत ही प्रचारित किया
है | आइये उनसे कुछ
बाते करते हैं |
मोदी जी : हेल्लो
रिपुदमन जी नमस्कार मैं नरेन्द्र मोदी बोल रहा
हूँ|
रिपुदमन : जी सर, बहुत-बहुत Thank You सर |
मोदी जी : रिपुदमन जी |
रिपुदमन : हाँ जी सर |
मोदी जी : आप जो ये Plogging को लेकर के इतना बड़ा समर्पित
भाव से काम कर रहे हैं |
रिपुदमन : जी
सर |
मोदी जी : तो
मेरे मन में जिज्ञासा थी तो मैंने सोचा में खुद ही
फ़ोन करके आपसे
पूछूँ |
रिपुदमन : Ok
मोदी
जी : ये
कल्पना कहाँ से आई आपके मन में ?
रिपुदमन
: हाँ
जी सर
|
मोदी
जी : ये शब्द, ये
तरीका कैसे मन में आया |
रिपुदमन
: सर युवाओं को आज कुछ cool चाहिए, कुछ interesting
चाहिए उनको motivate करने के लिए तो मैं तो
motivate हो गया | अगर मेरे को 130 करोड़
भारतीयों को इस मुहिम में
जोड़ना है तो मुझे कुछ cool
करना था, कुछ interesting
करना था तो
मैं खुद एक
runner हूँ, तो सुबह जब हम run करते
हैं तो traffic
कम होता है, लोग कम होते हैं तो कूड़ा और trash
और plastic सबसे ज्यादा दिखता है तो instead of
cribbing and complaining मैंने सोचा कि इसके बारे में
कुछ करते है और अपने running group के साथ start
किया Delhi में और फिर पूरे भारत में इसको लेकर
गया | हर जगह से काफी appreciation मिला...
मोदी
जी : exactly आप
क्या करते थे ? थोड़ा
समझिए ताकि मुझे
भी ध्यान में आये और ‘मन की बात’ के माध्यम से
देशवासियों को भी पता चले |
रिपुदमन
: सर, तो
हमने ये start किया ‘Run & Clean-up
Movement’ | जहाँ पर हम running
groups को उनके
work out के बाद, उनकी cool down activity में हमने
बोला, आप, कूड़ा उठाना start करो, अपना
आप
plastic उठाना start
करो तो आप running कर
रहे हो,
आप cleaning-up कर रहे हो, suddenly बहुत सारी
exercise add हो रही है | तो आप just running नहीं
कर रहे हो और squats कर रहे हो, deep
squats कर
रहे हो, आप lunges कर रहे हो, आप forward bent कर
रहे हो | तो वो एक holistic
work out हो गया | और
आपको जान कर ख़ुशी होगी कि
पिछले साल काफी
सारी fitness magazines में India का Top fitness trend
इसको nominate किया
गया है इस Fun को...
मोदी
जी : आपको बधाई है इस बात के लिए |
रिपुदमन
: धन्यवाद् सर |
मोदी
जी : तो
अभी आपने 5 सितम्बर से कोच्चि से शुरू किया है |
रिपुदमन
: जी सर, इस mission का नाम है ‘R|Elan
Run to make
India
Litter Free’ जैसे आपने October 2nd को एक
historic verdict देना है – and I am
sure कूड़ा मुक्त होगा
तो plastic
मुक्त भी होगा and वो
एक individual
responsibility
आएगी और तो I am running and
cleaning-up
thousand kilometres covering 50 cities. तो
सबने बताया कि ये शायद दुनिया की Longest clean-up
drive
होगी और इसके साथ-साथ
हम एक बहुत ही
cool सर,social media #(Hashtag) use किया है हमने
#PlasticUpvaas जहाँ पर हम लोगों को बोल रहे है कि
आप हमें बताइए, आप कौनसी single चीज़ है, single
use
anything, not just single use plastic but single use
anything जो
आप completely अपनी life से
हटा देंगे |
मोदी
जी: वाह... आप 5 सितम्बर से निकले हो तो क्या अनुभव
है अब तक का आपका ?
रिपुदमन : सर, अभी तक तो बहुत अच्छा अनुभव रहा है | पिछले
दो साल में भी हमने 300 के आस-पास Plogging
drives
की
है all over India. तो, जब
हमने कोच्चि से start किया
तो running
groups ने join किया, वहाँ के local जो
clean-ups होते हैं उनको मैंने अपने साथ जोड़ा | कोच्चि
के
बाद मदुरै, कोयंबटूर, Salem अभी हमने उडुपी में
किया वहाँ पे एक स्कूल invite आया तो छोटे-छोटे बच्चे
सर, 3rd standard से लेकर 6th
standard तक उनको एक
workshop देने के लिए बुलाया था मेरे को आधे घंटे के
लिए और वो आधे घंटे का workshop तीन घंटे का
Plogging drive हो गया | सर, because बच्चे
इतने
enthusiastic थे that they wanted to do this and they
wanted to take it back और अपने parents को
बताना, अपने
neighbours को बताना अपने peers को बताना वो सबसे
बड़ा motivation होता है हमारे लिए इसको next level पे ले
के जाना |
मोदी
जी : रिपु जी परिश्रम नही है ये, एक साधना है | सचमुच
में आप साधना कर रहे हैं |
रिपुदमन
: जी सर |
मोदी
जी : | मेरी तरफ से बहुत बधाई देता हूँ | लेकिन
मान
लीजिये
आपको तीन बातें देशवासियों को कहनी है |
तो ऐसी तीन बातें specific क्या सन्देश देंगे आप ?
रिपुदमन
: मैं actually तीन
steps देना चाहूँगा | To a litter free
India, To a कूड़ा मुक्त भारत | Step number one कूड़ा
कूड़ेदान में डालें सिर्फ | Step number two कोई भी
आपको कूड़ा दिखता है जमीन पे
उसको उठाये और
कूड़ेदान में डालें | Step number three अगर कूड़ादान
नही दिखता है अपनी जेब में रखे
या अपनी गाड़ी में रखे
घर लेकर जाए | Segregate करें into
Dry and Wet
waste और सुबह municipality
की गाड़ी आयेगी उनको दे
दें | अगर हम ये तीन steps follow करेंगे
we will see a
litter free India हमें कूड़ा मुक्त भारत मिलेगा |
मोदी
जी : देखिये रिपु जी बहुत सरल शब्दों में और सामान्य
मानवी कर सके उस भाषा में आपने
एक प्रकार से
गाँधी जी के सपने को ले करके
चल रहें हैं, साथ-
साथ, गाँधी जी की जो सरल शब्दों में बात बताने का
तरीका था वो भी आपने adopt कर लिया है |
रिपुदमन
: धन्यवाद् |
मोदी
जी : इसलिए आप बधाई के पात्र है | रिपुदमन जी आपसे
बात करके मुझे बहुत अच्छा
लगा और आपने एक बहुत
ही innovative तरीके से, और खासकर के, नौजवानों
को पसंद आये उस तरीके से, इस पूरे कार्यक्रम को
ढाला है | मैं आपको बहुत बधाई देता हूँ | और
साथियों इस बार पूज्य बापू
की जयंती के अवसर पर
खेल मंत्रालय भी ‘Fit India Plogging Run’ का आयोजन
करने जा रहा है | 2 अक्टूबर को 2 किलोमीटर
Plogging, पूरे
देशभर में ये कार्यक्रम होने वाले हैं | ये
कार्यक्रम कैसे करना चाहिए, कार्यक्रम में क्या होता है ये
रिपुदमन जी के अनुभव से हमने
सुना है | 2 अक्टूबर
से शुरू होने वाले इस अभियान
में हम सबको ये करना
है कि हम 2 किलोमीटर तक jogging
भी करें, और
रास्ते में पड़े प्लास्टिक के
कचरों को भी जमा करे |
इससे हम न केवल अपनी सेहत का
ख्याल रखेंगे बल्कि
धरती माँ की सेहत की भी रक्षा
कर सकेंगे | इस
अभियान से, लोगों में fitness
के साथ-साथ
स्वच्छता को
ले कर भी जागरूकता बढ़ रही है | मुझे विश्वास है,
कि, 130 करोड़ देशवासी इस दिशा में एक कदम
उठाएंगे तो single use plastic की मुक्त होने की दिशा में
अपना भारत 130 करोड़ कदम आगे बढ़ जाएगा |
रिपुदमन जी, फिर एक बार, आपको बहुत-बहुत
धन्यवाद | और आपको, आपकी team को, और ये नई
कल्पकता के लिए, मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई |
Thank you !
मेरे प्यारे देशवासियो, 2 अक्टूबर की तैयारियाँ तो पूरे देश में और दुनिया में चल रही हैं, लेकिन, हम ‘गाँधी 150’ को
कर्तव्यपथ पर ले जाना चाहते हैं | अपने जीवन को
देशहित में बदलने के लिए आगे बढ़ना चाहते हैं | एक बात advance
में जरा याद कराने का मन करता है | वैसे मैं, अगली ‘मन की बात’ में उसको
विस्तार से जरुर कहूँगा लेकिन आज मैं जरा advance में
इसलिए कह रहा हूँ ताकि आपको तैयारी करने का अवसर मिले | आपको याद है, कि, 31 अक्टूबर, सरदार वल्लभभाई पटेल
की जन्म जयंती है | ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ ये हम सबका सपना
है और उसी निमित्त, हर वर्ष 31 अक्टूबर को, हम पूरे देश
में, ‘Run for Unity’ देश की एकता के लिए, दौड़ | अपार, वृद्ध, सब लोग, स्कूल, कॉलेज सब, हजारों की तादाद
में, हिंदुस्तान के लाखों गाँव में उस दिन देश की
एकता के लिए हमें दौड़ना है | तो आप अभी से
तैयारी शुरू कीजिये | विस्तार से तो
बात आगे जरुर करूँगा लेकिन अभी समय है, कुछ
लोग practise भी शुरू कर सकते है, कुछ योजना भी कर सकते हैं |
मेरे प्यारे देशवासियो, आपको याद होगा, 15 अगस्त
को मैंने लाल किले से कहा था कि 2022 तक
आप भारत के 15
स्थानों पर जाएँ | कम
से कम 15 स्थान और वो भी हो सके तो एक रात, दो रात रुकने वाला कार्यक्रम बनाये | आप
हिंदुस्तान को देखेँ, समझें, अनुभव करें | हमारे पास कितनी
विविधताएँ हैं |
और जब ये दिवाली के त्योहार में छुट्टियों के
दिन आते हैं, लोग जरुर जाते हैं और इसलिए मैं फिर से आग्रह
करूँगा कि आप भारत की किसी भी ऐसी 15 जगहों पर घूमने
जरुर जाएँ |
मेरे
प्यारे देशवासियो, अभी परसों ही 27 सितम्बर को World
Tourism Day मनाया गया और दुनिया की कुछ ज़िम्मेवार एजेंसिया Tourism का ranking
भी करती हैं और आपको जानकर के
ख़ुशी होगी कि India ने Travel & Tourism Competitive Index में बहुत सुधार किया है | और ये सब आप सब के सहयोग के कारण हुआ है | विशेषकर Tourism
का महत्म्य समझने के कारण
हुआ है | स्वच्छता के अभियान का भी उसमें बहुत बड़ा
योगदान है | और ये सुधार कितना है मैं बताऊं आपको? आपको जरुर आनंद होगा | आज हमारा rank चौतीस है और पांच साल पहले हमारा rank 65वें नंबर पे था
यानि एक प्रकार से हम बहुत बड़ा jump लगा चुके हैं | अगर हमने और कोशिश की तो आज़ादी के 75 साल आते-आते हम tourism में दुनिया के प्रमुख स्थानों में अपनी जगह बना लेंगे |
मेरे प्यारे देशवासियों, आप सब को फिर एक बार विविधता से भरे हुए भारत के विविध-विविध
त्योहारों की भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं
| हाँ ! ये
भी ज़रूर देखना, कि, दीवाली
के दिनों में पटाखे वगैरा से कहीं आगजनी, कहीं
किसी व्यक्ति का नुकसान न हो जाए | इसके लिए जो भी
ऐतराज(एहतियात) बरतना चाहिए आप लोग ज़रूर ऐतराज(एहतियात) बरतिये | ख़ुशी भी होनी चाहिए, आनंद भी होना
चाहिए, उत्साह भी होना चाहिए और हमारे त्योहार
सामूहिकता की महक भी लाते हैं, सामूहिकता के
संस्कार भी लाते हैं | सामूहिक जीवन ही
एक नया सामर्थ्य देता है | उस नये सामर्थ्य
के साधना का मुकाम होता है त्योहार | आइये ! मिलजुल करके उमंग से, उत्साह से, नये सपने, नये संकल्प के
साथ हम त्योहारों को भी मनाएँ | फिर एक बार बहुत-बहुत शुभकामनाएं | धन्यवाद् |
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