विगत 10 सितंबर को राजकोट धोल के पास लियारा ग्राम के निकट देश का प्रथम डी आर एम 1000कि.वा. ( डिजिटल रेडियो मोड ट्रांसमीशन ) आरंभ हो गया। सांसद श्री विक्रमभाई अर्जन भाई मांडम ने आकाशवाणी का यह सुपर पावर ट्रांसमीटर राष्ट्र को समर्पित किया।
इस अवसर पर प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर सरकार , आकाशवाणी के महानिदेशक श्री लीलाधर मंडलोई , इंजीनियर इन चीफ श्री आर के जैन , अपर महानिदेशक (कार्यक्रम) श्रीमती अपर्णा वैश , अपर महानिदेशक (तकनीकी) श्री अजय गुप्ता और अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री विक्रमभाई अर्जन भाई मांडम ने कहा कि - 40 करोड से अधिक की लागत से पुन:स्थापित यह ट्रांसमीटर पूरी दुनिया में अपने कलाकारों की आवाज को गुंजाता रहेगा। इसके माध्यम से भारतीय संस्कृति और मानवता का संदेश अंतिम छोर तक बसे मनुष्य तक सुनाई दे सकेगा।
श्री जवाहर सरकार ने कहा कि - एशिया का यह अपनी तरह का पहला डी आर एम ट्रांसमीटर है जो अद्यतन और आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है। इसकी स्थापना से आकाशवाणी के उर्दू सर्विस और विविध भारती के कार्यक्रम देश विदेश के लोग आसानी से सुन पाएंगे।
इस ट्रांसमीटर से विदेश प्रसारण सेवा के ऐनालॉग मोडम में सामान्य रेडियों पर 1071 किलोहर्टज पर कार्यक्रम सुना जा सकता है । जबकि विशेष प्रकार के डिजिटल रेडियो रिसीवर पर विविध भारती के कार्यक्रम 1080 किलोहर्टज पर सुने जा सकेंगे। इस सेवा को श्रोता सुबह 5.45 से रात 1 बजे तक लगातार सुन सकेंगे जिसमें उर्दू , सिंधी एवं बलूची भाषा के कार्यक्रम होंगे। 1000 किलोवाट के इस ट्रांसमीटर से आकाशवाणी की विदेश प्रसारण सेवा को पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सउदी अरेबिया और ईरान में लोग सुन सकेंगे।
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