Tuesday 29 January 2013

आकाशवाणी दिल्ली द्वारा आयोजित कालजयी पंडित रविशंकर के नाम वाद्य वृन्द की शाम


पंडित रविशंकर के नाम वाद्यवृन्द की शाम
आकाशवाणी वाद्य वृन्द की स्थापना के प्रथम प्रधानमन्त्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की प्रेरणा से सन 1952 में हुई और पंडित रविशंकर जी ने वाद्य वृन्द का संचालन प्रारंभ किया । आकाशवाणी में अपने कार्यकाल के दॊरान पंडित रविशंकर ने अनेक कालजयी रचनाओं का सृजन किया । इसमें महान कलाकारों जैसे सर्व श्री टी के जयरामा अय्यर , पन्ना लाल घोष , अनिल विश्वास , एमनी शंकर शास्त्री , एम वाई कामाशास्त्री और एस गोपालकृष्णा आदि का भी अमूल्य योगदान रहा है।

पंडित रविशंकर को श्रदांजलि स्वरुप उन्ही की कालयजी रचनाओं रंगावली, आदि वसंत, गाव की गोरी की प्रस्तुति आकाशवाणी दिल्ली के वाद्य वृन्द कलाकारों द्वारा श्री एस रास बिहारी दत्ता के निर्देशन में 20 जनवरी 2013 को सायं 7.00 बजे स्टाइन ऑडिटोरियम, इंडिया हैबिटैट सेंटर, लोधी रोड, नई दिल्ली में की गई। कालयजी पंडित रविशंकर के नाम वाद्य वृन्द की शाम शीर्षक से आयोजित इस कार्यक्रम में आकाशवाणी दिल्ली के संगीत सयोंजक श्री सुरेश मिश्रा के निर्देशन में पंडित रविशंकर की सुप्रसिद्ध संगीत रचना "सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्ता हमारा" को आकाशवाणी के गान वृन्द कलाकारों ने प्रस्तुत कर श्रोताओं का मनमोह लिया। प्रस्तुति का प्रमुख आकर्षण था सभी कलाकारों द्वारा देश के
विभिन्न प्रान्तों की वेशभूषा में सज्जित होना।

 पंडित रविशंकर को श्रदांजलि देते हुए विदुषी शन्नो खुराना ने कहा की पंडित जी ने कलाकारों की आर्थिक स्थिति लो सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पंडित जी का मानना था कि कलाकारों को सम्मान तो मिलता है लेकिन उन्हें आर्थिक मदद नहीं मिलती। 1947 में देश के विभाजन के पस्चात भारत में आई विदुषी शन्नो खुराना ने बताया की उस समय देश में शास्त्रीय संगीत को समझने जानने वाले लोग कम ही थे। शास्त्रीय संगीत को जन साधारण में लोकप्रिय बनाने और उसे बड़े मंचो तक पहुचाने में पंडित रविशंकर की भूमिका विशेष रही है। वर्ष 1958 से पंडित रविशंकर के शिष्य रहे पंडित कार्तिक कुमार ने पंडित रविशंकर की विशिस्ट वादन शैली और तकनीक के बारे में श्रोताओं को बताया। पंडित कार्तिक कुमार ने बताया की बाबा अलाउद्दीन खां पंडित रविशंकर का
बहुत सम्मान करते थे और प्यार से उन्हें माखन कहकर बुलाते थे। कार्यक्रम में उपस्थित श्रोताओं ने इस शाम का भरपूर आनंद लिया और कलाकारों की प्रस्तुति की सराहना की।

No comments:

Post a Comment