श्री अमरनाथ जी यात्रा 2019
संक्षिप्त इतिहास
श्री अमरनाथ यात्रा का इतिहास पुराना है पुरातत्ववेत्ता मानते हैं कि लगभग 5000 वर्ष पूर्व भृगु ऋषि ने इस गुफा के दर्शन किए और वहां भगवान शिव की आराधना भी की थी । कश्मीरी विद्वान कल्हण अपनी सुप्रसिद्ध पुस्तक "राज तरंगिणी" में कश्मीर राजाओं द्वारा पहलगाम के वनों में शिव भक्ति करने की चर्चा की है । स्थानीय इतिहासकरों का मानना है कि सन 1869 में पहलगाम के एक मुसलमान गड़ेरिये बूटा मलिक को भेड़ चराते हुए एक संत मिले । संत ने बूटा मलिक को एक कांगड़ी दी ।कांगड़ी लेकर अपने गांव वापस आया और देखा कांगड़ी में कोयले की जगह सोना भरा है । बूटा मलिक पुनः उस साधु की खोज में गया । वहां साधु तो नहीं मिले बल्कि उसे उस पवित्र गुफा के दर्शन हुए जहां बर्फ का शिवलिंग बना हुआ दिख रहा था । इस घटना के तीन वर्ष बाद सन 1872 में कश्मीरी पंडितों ने पवित्र श्री अमरनाथ यात्रा की शुरुआत की । प्रारंभ की यात्राओं में बूटा मलिक भी शामिल होता था । तब से श्री अमरनाथ जी यात्रा का निरंतर प्रतिवर्ष आयोजन होता है । श्री अमरनाथ जी यात्रा दो मार्गों से होती है पहलगाम से चंदनबाड़ी,शेषनाग और पंचतरणी होते हुए पवित्र गुफा तक जाता है दूसरा मार्ग जम्मू से बालटल होते हुए पवित्र गुफा तक जाता है।यात्रा मार्ग में सुविधाएं-
यात्रा को सुगम बनाने के लिए सरकार ने अनेक प्रबंध किए हैं । रेडियो कश्मीर ने बालटल-सोन मार्ग पर 100 वॉट का एक एफएम ट्रांसमीटर स्थापित किया है। इससे 01जुलाई 2019 से विशेष प्रसारण का शुभारंभ किया गया है । प्रसारण प्रतिदिन सुबह 7:00 बजे से रात्रि 11:00 बजे तक होता है । इसके प्रसारणों में भक्ति संगीत सहित अन्य विशेष उपयोगी कार्यक्रमों का प्रसारण भी शामिल है । जिनके अंतर्गत सरकारी अधिकारियों से यात्रा के दौरान यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी देने वाली भेंट वार्ताएं भी प्रसारित की जाएंगी । भक्ति संगीत के प्रसारण के लिए संस्कृति मंत्रालय,भारत सरकार ने विशेष सहयोग प्रदान किया है । इसके लिए मंत्रालय के अधिकारियों का आभार । यात्रियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, आवास, खान-पान तथा अन्य किसी भी प्रकार की आकस्मिक सहायता हेतु दो हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।व्हाट्स एप हेल्पलाइन नंबर 9419000838 तथा 9419004688
ईमेल आईडी है - baltalfm103.7@prasarbharti.gov.in
इन हेल्पलाइन नंबरों से यात्रीगण दिन या रात किसी भी समय अधिकारियों से संपर्क करके व्यवस्था संबंधी जानकारी ले सकते हैं ।
No comments:
Post a Comment