आकाशवाणी भोपाल राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा आज दिनांक 05/12/2013 को अधिकारियों व कार्मिकों के लिए “एक दिवसीय पूर्णकालिक हिन्दी कार्यशाला” का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभांरभ आकाशवाणी महानिदेशालय की संयुक्त निदेशक (राजभाषा) व कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुश्री ऋचा बैनर्जी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आकाशवाणी भोपाल के कार्यालय प्रमुख श्री सुदर्शन अंसोलिया ने की जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में संयुक्त निदेशक (समाचार) श्री कृपाशंकर यादव व कार्यक्रम प्रमुख डा. साकेत अग्निहोत्री विशेष अतिथि के रूप में कार्यशाला में उपस्थित थे। दीप प्रज्जवल्लन के पश्चात मुख्य अतिथि का सर्वश्री अंसोलिया, यादव व डा साकेत ने पुष्पगुच्छ से स्वागत किया।
कार्यशाला का शुभांरभ करते हुए मुख्य अतिथि व आकाशवाणी महानिदेशालय की संयुक्त निदेशक (राजभाषा) सुश्री ऋचा बैनर्जी ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि सम्पर्क भाषा के रूप में हिन्दी का चयन स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन मनीषियों और विद्वानांे ने हिन्दी का चयन सम्पर्क भाषा तथा सभी को एकसूत्र में पिरोने के लिए किया था क्योकि वे सभी इस तथ्य से अवगत थे कि हिन्दी ही एकमात्र ऐसी भाषा है जो लोगों के बीच संपर्क सेतु का कार्य कर सकती है। इसीलिए स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हिन्दी को संघ की राज-काज की भाषा अर्थात राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। इसी संवैेधानिक दायित्व के अधीन आज हम सब केन्द्र सरकार के कार्यालयों में राजभाषा हिन्दी में काम काज कर रह है। आज हिन्दी एकमात्र ऐसी भाषा है जो देश के अधिकांश भू-भाग में बोली व समझी जाती है। आज जरूरत इस बात की है कि, हम सब अपना कार्यालयीन कामकाज राजभाषा हिन्दी में करते हुए, हिन्दी के प्रति निष्ठा, सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रेरणा, प्रयास, और प्रोत्साहन से इसे अपनाएं और अपने दैनन्दिन काम-काज में हिन्दी का अधिकाधिक प्रयोग करें तभी हम हिन्दी को उसका उचित स्थान दिला पाएंगें। अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कार्यालय प्रमुख श्री सुदर्शन अंसोलिया ने कहा कि हमारे कार्यालय के सभी विभागों व अनुभागों में हिन्दी में अधिकाधिक काम-काज होता है तथा हिन्दी काम-काज के प्रति हमारे कार्यालय में कार्यरत अधिकारियों व कार्मिकों की रूचि का ही यह सुफल है कि, हम अपने लक्ष्य के बहुत करीब हैं। आपने आगे कहा कि मेरी दृष्टि में हिन्दी का निरन्तर विकास हो रहा है तथा हमारे कार्यालय में सभी तरह की प्रोत्साहन योजना भी लागू है जिनमें अधिकारीगण व कार्मिकगण बढ़-चढकर हिस्सा लेते है। इसके पूर्व कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संयुक्त निदेशक (समाचार) श्री कृपाशंकर यादव ने कहा कि हिन्दी को संपर्क भाषा के रूप में उचित स्थान दिलाने का दायित्व हम सबका है लेकिन इसके साथ-साथ यह भी जरूरी है कि हिन्दी के साथ-साथ हम अपनी प्रान्तीय भाषाओं, लोक भाषाओं, लोक व जन-जातीय बोलियों को विलुप्त होने से बचाएं तथा एक ऐसे सुरक्षात्मक ढांचें का चयन करेें जिससे हमारी संस्कृति व परम्पराओं के साथ हमारी धरोहर को सुरक्षित रखा जा सके। इस “एक दिवसीय पूर्णकालिक हिन्दी कार्यशाला” में मुख्य अतिथि सुश्री बैनर्जी ने राजभाषा कार्यान्वयनः- “प्रेरणा, प्रयास, प्रोत्साहन तथा संसदीय प्रश्नावली” विषय पर विस्तार से अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया तथा चर्चा-सत्र् के दौरान अधिकारियों तथा कार्मिकों के प्रश्नों व शंकाओं का समाधान किया। कार्यशाला का संचालन आकाशवाणी भोपाल के समन्वयक (राज्भााषा) व प्रेस प्रभारी राजीव श्रीवास्तव ने किया जबकि अंत में कार्यक्रम प्रमुख डाॅ. साकेत अग्निहोत्री ने सभी का आभार प्रकट किया। कार्यशाला में सुश्री रिन्नी कापसे का सराहनीय योगदान रहा।
इस “एक दिवसीय पूर्णकालिक हिन्दी कार्यशाला” में आकाशवाणी, आकाशवाणी भोपाल, विज्ञापन प्रसारण सेवा तथा अतिरिक्त महानिदेशक कार्यालय मध्य क्षेत्र-2 भोपाल के 50 से भी अधिक अधिकारियो व कार्मिकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
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