Tuesday, 29 May 2012

चौथा अन्तर्राष्ट्रीय रेडियो फोरम समारोह और 12वां अन्तर्राष्ट्रीय रेडियो फेस्टिवल, र्इरान - प्रतुल जोशी



मर्इ का महीना रेडियो से जुड़े विश्व के तमाम प्रसारण कर्मियों के लिए उत्सुकता और उम्मीद भरा वाला होने लगा है। कारण है कि पिछले एक दशक से मर्इ के महीने में र्इरान की प्रसारण संस्था इस्लामिक रिपब्लिक आफ र्इरान ब्राडकास्टिंग ¼IRIB½] र्इरान में एक अन्तर्राष्ट्रीय रेडियो फेस्टिवल का आयोजन कर रही है। कुछ वर्षो पहले IRIB ने एशिया पैसिफिक ब्राडकास्टिंग यूनियन ¼ABU½ के साथ मिलकर एक अन्तर्राष्ट्रीय रेडियो फोरम की शुरूआत भी की है। पिछले 16-17 मर्इ को र्इरान की राजधानी तेहरान से लगभग 400 कि मी दूर, उत्तरी र्इरान में कैस्पियन सागर के तट पर सिथत जि़बाकेनार ¼Zibakenar½ कस्बे में 12 वें अन्तर्राष्ट्रीय रेडियो फेस्टिवल और चौथे अन्तर्राष्ट्रीय रेडियो फोरम का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। सौभाग्य से, मैं भी उपरोक्त कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ। मेरा चयन अन्तर्राष्ट्रीय रेडियो फोरम में एक वक्ता के रूप में हुआ था। मुझे वहां सम्पन्न हुये सेमिनार में एक पेपर पढ़ना था। पेपर का विषय था- वैश्वीकरण की चुनौतियाँ : रेडियो द्वारा प्रसारित होने वाले बोलियों के कार्यक्रमों पर इसका प्रभाव।
       र्इरान मैं दूसरी बार गया था। पहली बार र्इरान 2009 की मर्इ में गया था। उस वर्ष दसवें अन्तर्राष्ट्रीय रेडियो फेस्टिवल में मेरा एक रेडियो कार्यक्रम प्रतियोगी वर्ग में चयनित हुआ था। दरअसल IRIB के इन समारोहों के दो पक्ष हैं। पहला पक्ष है कि रेडियो फेस्टिवल हेतु रेडियो र्इरान, पूरे विश्व से विभिन्न संवर्गो में रेडियो कार्यक्रम आमंत्रित करता है। यह संवर्ग होते है रेडियो फीचर, रेडियो नाटक, रेडियो उद्घोषणायें, क्रियेटिव प्रोग्राम आदि। इन रेडियो कार्यक्रमों का दो स्तर पर चयन होता है। पहले स्तर पर र्इरानी रेडियो विशेषज्ञों का पैनल, विश्व भर से आमंत्रित कार्यक्रमों में से स्तरीय कार्यक्रमों का चयन करते हैं। इन कार्यक्रमों को प्रत्येक संवर्ग में प्रतियोगिता हेतु नामांकित किया जाता है। दूसरे स्तर पर विशेषज्ञों का एक अन्तर्राष्ट्रीय पैनल इन नामांकित कार्यक्रमों में से प्रथम और द्वितीय पुरस्कार हेतु कार्यक्रमों का निर्णय देते हैं। जिन रेडियो प्रस्तुतकर्ताओं के कार्यक्रम र्इरानी ज्यूरी द्वारा प्रतियोगिता हेतु नामांकित किये जाते हैं, उन्हें रेडियो र्इरान अपने यहां भाग लेने हेतु बुलाता है। प्रथम और द्वितीय पुरस्कार प्राप्त कर्ता को क्रमश: 1500 और 1000 अमेरिकन डालर के पुरस्कारों से भी नवाजा जाता है। वर्ष 2009 में मेरी प्रविष्ठि सपने बन्द आँखों के, (जो कि नेत्रहीन व्यक्तियों द्वारा देखे जाने वाले सपनों और उस प्रक्रिया पर आधारित रेडियो कार्यक्रम था) को फाइनल में पहुचने का अवसर मिला था। इस अन्तर्राष्ट्रीय रेडियो फेस्टिवल का दूसरा पक्ष, रेडियो फोरम नाम का कार्यक्रम है। रेडियो फोरम का मुख्य उद्देश्य, दुनिया भर में रेडियो के भीतर हो रहे परिवर्तनों को रेखांकित करना होता है। साथ ही पबिलक ब्राडकास्टिंग के सामने आ रही चुनौतियों और रेडियो का भविष्य जैसे मुददे भी फोरम की बैठकों में प्रभावी तरीके से उठाये जाते है।
       र्इरान रेडियो द्वारा आयोजित यह फेस्टिवल इस मायने में खास है कि सम्पूर्ण एशिया महाद्वीप में यह एकमात्र ऐसा समारोह है जो पिछले एक दशक से नियमित रूप से आयोजित किया जा रहा है और जिसमें पूरे विश्व के रेडियो प्रस्तुतकर्ताओं को खुले आमंत्रण के द्वारा भाग लेने के लिए निमंत्रित किया जाता है। इस वर्ष भी इस फेस्टिवल में जापान, कोरिया, आस्‍ट्रेलिया, इन्डोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, नेपाल, ग्रेट ब्रिटेन, पोलैन्ड, यूक्रेन, स्लोवाकिया, यमन, लेबनान, टयूनीशिया जैसे न जाने कितने देशों के प्रतिनिधि शामिल हुये। इन प्रतिनिधियों में बहुत से ऐसे थे जिनके रेडियो कार्यक्रम प्रतियोगी वर्ग में नामांकित हुये थे और जिन्हें बाद में प्रथम या द्वितीय स्थान भी प्राप्त हुआ। भारतीय दल में हम सात लोग थे और हमारा दल विश्व के अन्य देशों के मुकाबले सबसे बड़ा दल था। हमारे दल में हमारे चार सहयोगी प्रतियोगी वर्ग में थे। अर्थात उनकी प्रविष्ठियों को फाइनल में पहुचने का अवसर प्राप्त हुआ था। इनमें दो आकाशवाणी जालंधर के हमारे सहयोगी थे सर्वश्री नवदीप सिंह और सोहन लाल और दो आकाशवाणी त्रिवेन्द्रम के सर्वश्री बीजू मैथ्यू एवं श्रीमती लीलिमा। एक साथी आकाशवाणी चेन्नर्इ से थे श्री सुदर्शन रामास्वामी जिन्हें मेरी तरह ही फोरम में अपना पेपर प्रस्तुत करना था। हमारे वरिष्ठ सहयोगी थे श्री ओ. आर. नियाजी जो अब आकाशवाणी से सेवानिवृत्त हो चुके है और जिन्हें रेडियो कार्यक्रमों के पुरस्कारों के निर्णायक के रूप में रेडियो र्इरान ने आमंत्रित किया था।
       17 मर्इ की रात्रि, जब जि़बाकेनार के आलीशान प्रेक्षागार में अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा हो रही थी तो हम सब की खुशी का ठिकाना न रहा] जब हमारे साथी और आकाशवाणी त्रिवेन्द्रम के कार्यक्रम अधिशासी बीजू मैथ्यू को लघु रेडियो फीचर (अवधि 5 मिनट) हेतु प्रथम पुरस्कार की घोषणा हुयी।
        अन्तर्राष्ट्रीय रेडियो फेस्टिवल में पिछले कर्इ वर्षों से आकाशवाणी के कार्यक्रम लगातार पुरस्कृत होते रहे हैं। हम लोगों को खुशी थी कि यह परम्परा इस वर्ष भी बरकरार रही। अगर देखा जाये तो मीडिया की दुनिया में रेडियो सबसे लोकतांत्रिक माध्यम है। यह सीधे जन-जन से जुड़ा होता है और अन्य माध्यमों के मुकाबले, रेडियो में आम जनता की भागीदारी सबसे अधिक होती है। र्इरान में प्रतिवर्ष सम्पन्न होने वाला अन्तर्राष्ट्रीय रेडियो फेस्टिवल, दुनिया भर में रेडियो की वर्तमान सिथति को बड़े ही खूबसूरत तरीके से एक मंच पर प्रस्तुत करता है। इससे अगर यह पता चलता है कि कोरिया जैसे देश में विजुअल रेडियो बहुत लोकप्रिय है (विजुअल रेडियो अर्थात ऐसा रेडियो सेट जिसकी स्क्रीन छोटे टेलिविजन सेट की तरह होती है और जिसपर आप स्टूडियो में चल रही गतिविधियों को बखूबी देख भी सकते हैं) तो यह भी पता चलता है कि कैसे ब्रिटेन और अन्य विकसित देशों में आज कम्युनिटी रेडियो बड़ी संख्या में असितत्व में हैं और कैसे विविध किस्म के रेडियो कार्यक्रम अलग-अलग कम्युनिटी रेडियो स्टेशनों के मार्फत प्रसारित होते हैं।
       इस्लामिक रिपब्लिक आफ र्इरान ब्राडकासिटंग द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किये जाने वाला रेडियो फेस्टिवल न सिर्फ दुनिया भर के रेडियो कर्मियों के लिए उत्सुकता का विषय होता है, बलिक खुद र्इरान के रेडियो कर्मियों को वर्ष भर इस फेस्टिवल का इंतजार रहता है। कारण, इस फेस्टिवल का एक बड़ा हिस्सा र्इरान रेडियो के विभिन्न केन्द्रों द्वारा निर्मित किये गये रेडियो कार्यक्रमों को पुरस्कृत करने के लिए तय होता है। जैसे ही र्इरान रेडियो के लिए पुरस्कारों की घोषणा होती हैं, पूरा हाल तालियों और सीटियों से भर जाता है। हाल में बैठे र्इरान रेडियो के सदस्य, अपने पुरस्कृत प्रोडयूसर को सिर आँखों पर बैठा लेते हैं। र्इरान में रेडियो बहुत लोक प्रिय है। इसका एक कारण सम्भवत: यह है कि र्इरान में रेडियो और टेलिविजन पूरी तरह सरकारी नियंत्रण में हैं और वहां के रेडियो को प्रार्इवेट चैनलों की प्रतिद्वंद्विता का सामना नहीं करना पड़ता। दूसरा कारण यह भी है कि र्इरान सरकार रेडियो के लिए एक बड़ा बजट आवंटित करती है और रेडियो, र्इरान सरकार की प्राथमिकताओं में है। हमारे देश के उलट,  र्इरान में पबिलक ब्राडकासिटंग को जितनी इज़्ज़त और प्राथमिकता प्राप्त है, वह अनुकरणीय है। रेडियो और रेडियो से जुड़े आयोजन को लेकर र्इरान आज पूरे एशिया में नर्इ रौशनी का प्रसार कर रहा है, इसके लिए र्इरान सरकार और IRIB निशिचत रूप से बधार्इ के पात्र हैं।      

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