प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तय किया है कि वह हर पखवाड़े रेडियो के जरिये लोगों से संवाद करेंगे। उनके इस फैसले से आकाशवाणी को अपनी रिब्रांडिंग होने की उम्मीद दिख रही है।
आकाशवाणी के जरिये लोगों से पीएम की बातचीत की शुरुआत 3 अक्टूबर से होगी।
जब देश में मास कम्युनिकेशन के साधनों की कमी थी, उस वक्त आकाशवाणी ही लोगों के लिए सूचना का बड़ा स्रोत हुआ करता था।
हालांकि, पहले दूरदर्शन, फिर प्राइवेट टीवी चैनलों और बाद में प्राइवेट एफएम रेडियो ने इस सरकारी रेडियो ब्रॉडकास्टर को हाशिये पर धकेल दिया। राजनेता जहां टीवी के जरिये अपनी बात रखना पसंद करते हैं, वहीं रेडियो एंटरटेनमेंट के नाम पर लोगों ने प्राइवेट एफएम चैनलों से नाता जोड़ लिया है।
पीएम ने केवल आकाशवाणी के जरिये लोगों से बात करने का जो फैसला किया है, उससे इस सरकारी रेडियो ब्रॉडकास्टर की ओर लोगों का ध्यान जरूर मुड़ेगा।
आकाशवाणी ने भी इसके लिए पूरी तैयारी में है।
इससे वाकिफ अधिकारियों ने बताया कि पीएम के सरकारी आवास 7 रेसकोर्स रोड में आकाशवाणी का एक स्टूडियो बनाया जा रहा है। यहां उसी तरह की सुविधाएं होंगी, जो अमेरिका के राष्ट्रपति के ओवल ऑफिस में हैं। एक अधिकारी ने बताया, 'ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा चुका है।'
पीएम की यह चैट तकरीबन पूरे देश में सुनी जाएगी। आकाशवाणी की ब्रैंड इमेज भले ही कमजोर हुई हो, यह अब भी देश में सबसे ज्यादा एरिया कवर करता है।
ऑल इंडिया रेडियो की पहुंच देश की 99.20% आबादी तक है। देश के 92.6% भूभाग को यह कवर करता है।
एआईआर के डायरेक्टर जनरल एफ शहरयार ने कहा, 'प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस के मौके पर या कोई आपदा आने की स्थिति में ही रेडियो का उपयोग करते थे। इस बार मामला अलग है। हमें बताया गया है कि पीएम हर पखवाड़े एक बार आकाशवाणी के जरिये लोगों से बातचीत करेंगे।'
इस काम में दूरदर्शन भी हाथ बंटाएगा। देश के 90% हिस्से तक पहुंच रखने वाला दूरदर्शन एआईआर की ऑडियो फीड प्रसारित करेगा।
अधिकारियों ने बताया कि प्राइवेट एफएम चैनल भी एआईआर की फीड प्रसारित कर सकते हैं। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।
रेडियो के जरिये नियमित रूप से संवाद की शुरुआत अमेरिका के प्रेसिडेंट फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने की थी। तब रेडियो की वही हैसियत थी, जो आज टीवी की है।
महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध के असर से जूझ रहे अमेरिकियों से बातचीत में रूजवेल्ट ने रेडियो को जरिया बनाया था। अमेरिकी प्रेजिडेंट रोनाल्ड रीगन ने 1982 में इस परंपरा को दोबारा शुरू किया। मौजूदा अमेरिकी प्रेजिडेंट बराक ओबामा हर हफ्ते विडियो चैट करते हैं।
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